बंधक सोमडू मरकाम ने अपनी आपबीती बताई और सभी साथियों समेत घर वापसी के लिए गुहार लगाई। जिसके बाद पत्रिका ने सभी आदिवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से बात की।
Jagdalpur News: बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाके कोलेंग और मुंडागढ़ के 18 आदिवासी मजदूर तेलंगाना और कर्नाटक में बंधक बना लिए गए हैं। सभी वहां अलग-अलग जगह पर काम करने गए थे। पत्रिका से बात करते हुए बंधक सोमडू मरकाम ने अपनी आपबीती बताई और सभी साथियों समेत घर वापसी के लिए गुहार लगाई। जिसके बाद पत्रिका ने सभी आदिवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से बात की। अब अच्छी बात यह है कि इनकी वापसी के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। प्रशासन ने सीधे पीड़ितों से बात की है और उन्हें जल्द घर वापसी का आश्वासन दिया है। इसके बाद से मजदूरों में सकुशल घर वापसी की उमीद जाग गई है। लेबर इंस्पेक्टर ने कहा है कि उन्होंने बंधक मजदूरों से बात की है। प्रशासन जल्द सभी को वापस लाएगा।
दरभा के कोलेंग व मुंडागढ़ के करीब 18 आदिवासियों के फंसे होने की जानकारी मिली है। प्रशासन उनकी वापसी के लिए प्रयास कर रहा है। इस संबंध में बस्तर के एक आदिवासी बंधक से बात भी हुई थी और कर्नाटक के ठेकेदार को उचित निर्देश भी दिया गया है। इन्हें जल्द बस्तर वापस लाने के लिए प्रशासन उचित कदम उठाएगा।
बंधक मजदूर का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत में हैदराबाद के लोग हैं। यहां 5 लोग पूरी तरह से बंधक बनाए गए है। यह सभी बोरिंग मशीन में काम करते हैं। सोमडू बताते हैं कि यहां एक के साथ तो ठेकेदार ने खूब मारपीट की और उसे भगा भी दिया था। कुछ समय तक संपर्क होता रहा। वे बताते थे कि उनके साथ मारपीट हो रही है। लेकिन अब सभी का मोबाइल भी ऑफ आ रहा है। पता चला है कि ठेकेदार ने मोबाइल भी छीन लिया है और मारपीट कर बंधक बना लिया है।
सोमडू का कहना है कि एक बार वे मजदूरी करने सुकमा गए हुए थे। यहां उन्हें एक एजेंट मिला जिसने काम की जरूरत पडऩे पर कार्ड में दिए नंबर पर कॉल करने कहा था। एक समय जब काम नहीं मिल रहा था तब इस कार्ड पर दिए एजेंट सोमाराम को कॉल किया। उसने इन जगहों पर काम होने की बात कही और उन्हें यहां से ले गया। लेकिन वहां जाने के बाद असलियत कुछ और निकली अब वापस आने नहीं दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि एजेंट 4 महीने का कमीशन ले चुका है इसलिए उससे पहले आने नहीं दे रहे हैं।