जयपुर

कौमी एकता की मिसाल बनी राजस्थान की ये दरगाह, जानें 335 साल पुराने इतिहास से जुड़ी खास बातें

Jaipur News: दो दिवसीय उर्स के दौरान जयपुर सहित दूसरे शहरों और राज्यों के अकीदतमंद उर्स में शिरकत करेंगे। यहां विभिन्न बिरादरियों और मोहल्लों की ओर से चादर पेश की जाएंगी।

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Nov 12, 2024

जयपुर। सांगानेर में स्थित 335 साल पुरानी शेख अलाउद्दीन बाबा की दरगाह के उर्स 13 नवंबर से शुरू होंगे। यह दरगाह सांगानेर में हिंदू- मुस्लिम सौहार्द का प्रतीक बनी हुई हैं। जहां सभी जाति धर्मों के लोग जियारत करने आते हैं। दो दिवसीय उर्स के दौरान जयपुर सहित दूसरे शहरों और राज्यों के अकीदतमंद उर्स में शिरकत करेंगे। यहां विभिन्न बिरादरियों और मोहल्लों की ओर से चादर पेश की जाएंगी।

364 साल पहले आए सांगानेर

दरगाह इंतेजामिया कमेटी के सचिव अब्दुल मजीद ने बताया कि बाबा का पूरा नाम शेख अलाउद्दीन हसन कादरी चिश्ती है। जो 364 साल पहले मुलतान (वर्तमान पाकिस्तान) से तत्कालीन फौज के साथ सांगानेर आए थे। शेख फौज में धर्मगुरू के तौर पर सेवाएं देते थे। वर्तमान में जिस जगह उनकी दरगाह है, वहीं से उन्होंने इंसानियत का पैगाम दिया।

कई पीढ़ियों से दरगाह की खिदमत कर रहे फैज अली कादरी ने बताया कि बाबा ने हमेशा दीन- दुखियों की भलाई के लिए कार्य किया, ऐसे में बहुत कम समय में उन्होंने लोगों का दिल जीत लिया। तत्कालीन प्रशासन की ओर से उन्हें सुविधाएं दी गई। उनके निधन के बाद यहीं पर उनकी मजार बनाई गई। जहां आज बड़ी संख्या में लोग जियारत करते हैं।

उर्स के दौरान यह रहेंगे कार्यक्रम ...

13 नबंर को दरगाह में सुबह 8 बजे कुरआन ख्वानी, रात 8 बजे मिलाद शरीफ और उसके बाद महफिले कव्वाली होगी। इस दौरान चादरें पेश की जाएंगी। वहीं 14 नवंबर को सुबह कुरआन ख्वानी होगी, सुबह 10 बजे फातिहा और लंगर का आयोजन होगा। शाम को कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा।

Updated on:
12 Nov 2024 09:35 am
Published on:
12 Nov 2024 09:34 am
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