नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संजय मूर्ति ने 74वें संविधान संशोधन को शहरी शासन में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की दिशा में एक सशक्त कदम बताया है।
जयपुर। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संजय मूर्ति ने 74वें संविधान संशोधन को शहरी शासन में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की दिशा में एक सशक्त कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र को गहराई देने और सरकार तथा नागरिकों के बीच की दूरी कम करने का प्रयास है।
मूर्ति शनिवार को 74वें संविधान संशोधन अधिनियम की 32वीं वर्षगांठ पर जनाग्रह संस्था की ओर से आयोजित 'भारत के शहरों को सशक्त बनाना' विषयक ऑनलाइन सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें टियर-2 और टियर-3 शहरों की शहरी सरकारों में अपनाई जा रही अच्छी प्रथाओं का अध्ययन कर उन्हें अन्य जगहों पर लागू करने की जरूरत है।
देश में करीब 4,600 शहरी निकाय हैं, ऐसे में एक समान नीति सभी पर लागू नहीं की जा सकती। कार्यक्रम में शहरी विकास से जुड़े मुद्दों पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा भी हुई। दिल्ली नगर निगम की पूर्व मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि उनके अनुभव में महिला पार्षद और महिला मेयर कई बार पुरुष प्रतिनिधियों की तुलना में अधिक समर्पण से कार्य करती हैं।