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27 महासंघों से जुड़े कर्मचारी और श्रमिकों हुए एकजुट, निकाली रैली

प्रदेशभर के श्रमिक और कर्मचारी एकजुट हुए

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जयपुर। न्यूनतम वेतन वृद्धि, स्थायी रोजगार व सामाजिक सुरक्षा जैसी मांगों के साथ सरकारी उपक्रमों का निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को प्रदेशभर के श्रमिक और कर्मचारी एकजुट हुए। भारतीय मजदूर संघ राजस्थान के नेतृत्व में कर्मचारियों व श्रमिकों ने शहीद स्मारक से हुंकार रैली निकाली, जो बाइस गोदाम पहुंच सभा में बदल गई।

प्रदेशभर से आए 27 महासंघों से जुड़े कर्मचारी और श्रमिक सुबह शहीद स्मारक पर जुटे। यहां से रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए रवाना हुए। श्रमिकों व कर्मचारियों ने हाथों में अपनी मांगें लिखी तख्तियां और झंडिया ले रखी थी। रैली सरदार पटेल मार्ग, सिविल लाइंस फाटक होते हुए बाइस गोदाम के पास पहुंची, यहां सभा में बदल गई। इस बीच प्रदेशभर से विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में लोग रैली के रूम में सभा स्थल पर भी पहुंचे। रैली में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम साथिनें और संविदाकर्मी शामिल हुए। वहीं 13 से अधिक सरकारी विभागों के कर्मचारी भी शामिल हुए।

समस्याओं के समाधान से ही खुशहाली
सभा को संबोधित करते हुए भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महामंत्री रविंद्र हिम्मते ने कहा कि राज्य सरकार मजदूरों, कर्मचारियों, महिलाओं और युवाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं करती, तब तक राज्य में खुशहाली संभव नहीं है। अखिल भारतीय उपाध्यक्ष राज बिहारी शर्मा ने कहा कि राजस्थान में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। प्रदेश महामंत्री हरिमोहन शर्मा ने कहा कि संघ ने बार-बार मजदूरों और कर्मचारियों की समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाया, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। सभा को प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह डाबी व क्षेत्रीय संगठन मंत्री सी. वी. राजेश सहित कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया।

मुख्यमंत्री से मिले
सभा के बाद प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिले और विभिन्न महासंघों का मांग पत्र सौंपा। पदाधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों से मंत्रियों के साथ बैठक करने की बात कही है।