स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जयपुर में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हुए। इसमें से ज्यादातर बजट परकोटा क्षेत्र में खर्च हुआ। ये पैसा मुख्य बाजारों को संवारने और विद्युत तारों को भूमिगत करने से लेकर स्मार्ट टॉयलेट लगाने पर खर्च हुआ। इनमें से एक भी काम बेहतर नजर नहीं आता है। हालांकि, भूमिगत पार्किंग […]
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जयपुर में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हुए। इसमें से ज्यादातर बजट परकोटा क्षेत्र में खर्च हुआ। ये पैसा मुख्य बाजारों को संवारने और विद्युत तारों को भूमिगत करने से लेकर स्मार्ट टॉयलेट लगाने पर खर्च हुआ। इनमें से एक भी काम बेहतर नजर नहीं आता है। हालांकि, भूमिगत पार्किंग और स्मार्ट रोड के काम जरूर ठीक हुए हैं। स्मार्ट सिटी के पैसे से कुछेक जगह सीवर लाइन बदलने का भी काम हुआ है। अब एक बार फिर नए सिरे से परकोटे में विकास कार्यों को लेकर प्लान बनाया जा रहा है। इसको लेकर 80 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इस पैसे से फसाड वर्क, परकोटे के द्वारों की मरम्मत, डिवाइडर की मरम्मत, मुख्य बाजार के ट्रांसफॉर्मर ढकने से लेकर बरामदों में लगे एसी के आउटर को ढकने का काम किया जाएगा।
फीकी रही चमक
प्रमुख नौ बाजारों को चमकाने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत फसाड वर्क किया गया। लेकिन, ज्यादातर जगह चमक फीकी पड़ गई है। बाजारों में झूलते तार परकोटे के बाजारों की बदहाली बताने के लिए काफी हैं। इसके अलावा 50 स्मार्ट टॉयलेट बेकार हो चुके हैं। ये न तो ऑटोमैटिक तरीके से खुलते हैं और न ही पानी की कोई व्यवस्था है।
खास-खास
-14.62 करोड़ रुपए खर्च किए गए फसाड वर्क पर
-34.01 करोड़ खर्च किए विद्युत तारों को भूमिगत करने में
-04 करोड़ रुपए खर्च किए गए स्मार्ट टॉयलेट के नाम पर
बरामदों के संरक्षण पर किया खर्च, फिर भी जर्जर
राशि (करोड़ में)
त्रिपोलिया बाजार- 2.79
चांदपोल बाजार- 2.35
जौहरी बाजार- 1.26
संजय बाजार- 1.21
किशनपोल बाजार- 1.26
गणगौरी बाजार- 0.88
बापू बाजार- 0.63
नेहरू बाजार- 0.60
परकोटा संवारने का काम भी नहीं हो पाया पूरा
पिछली सरकार में परकोटा को संवारने का काम शुरू किया गया। इस पर 21 करोड़ रुपए खर्च होने थे, लेकिन पिछले एक वर्ष से काम बंद है। दीवार पर कब्जे हटाने और इसको बचाए रखने के लिए भी निगम के पास कोई प्लान नहीं है।