Chambal River Project: राजस्थान को जल समृद्धि की ओर ले जाती ऐतिहासिक पहल। चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट निर्माण को मिली अंतिम स्वीकृति, PKC लिंक परियोजना को मिल रही नई गति।
Jal Setu Yojana: जयपुर। राजस्थान की जल जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ा है। राज्य की महत्वाकांक्षी संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना (राम जल सेतु लिंक परियोजना) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस परियोजना के प्रथम चरण में चम्बल नदी पर बनने वाले एक्वाडक्ट को मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक द्वारा अंतिम स्वीकृति दे दी गई है, जिससे निर्माण कार्य को और गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि इस एक्वाडक्ट के माध्यम से रामगढ़ (कूल नदी), महलपुर (पार्वती नदी) और नवनेरा(कालीसिंध नदी) बैराज का पानी चम्बल नदी को पार करके मेज बैराज में डाला जाएगा। इसके बाद इसे बीसलपुर और ईसरदा बांध तक लिफ्ट सिस्टम के माध्यम से ले जाया जाएगा, जिससे राजस्थान के 17 जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए स्थायी समाधान प्राप्त होगा।
कुल लंबाई: 2280 मीटर
स्थान: कोटा के पीपल्दा समेल गांव से बून्दी के गुहाटा गांव तक
अतिरिक्त लाभ: कोटा-सवाईमाधोपुर हाईवे से जुड़ाव के कारण सुल्तानपुर तहसील के ग्रामीणों को मिलेगा नया सड़क मार्ग
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि परियोजना के अंतर्गत नवनेराबैराज से मेज एनिकट तक फीडर लाइन के निर्माण की कार्यवाही को भी अब नई गति मिलेगी, जिससे जलप्रवाह सुचारू रूप से सुनिश्चित किया जा सकेगा।
इस परियोजना के प्रथम चरण में 9400 करोड़ रुपए के कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। इसके तहत पैकेज-2 के अंतर्गत चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट निर्माण की कार्यवाही की जा रही है।
राज्य सरकार की यह पहल ना केवल जल संकट का समाधान लाएगी, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत जल संरचना की आधारशिला भी रखेगी।