जयपुर

राजस्थान में 3 बड़े नगर निगमों में प्रशासक नियुक्त, 17 दिन पहले ही आदेश जारी; अब अधिकारी चलाएंगे शहरी सरकार

Rajasthan Politics: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा के नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं।

2 min read
Oct 24, 2025
फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan Politics: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा के नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इन तीनों शहरों के नगर निगमों का कार्यकाल 9 नवंबर 2025 को समाप्त होने जा रहा है।

इसके बाद नए निर्वाचित बोर्ड के गठन तक संबंधित संभागीय आयुक्तों को प्रशासक के रूप में शहरी सरकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस निर्णय से शहरी प्रशासन में निरंतरता सुनिश्चित होगी, लेकिन कई जनता के काम भी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।

ये भी पढ़ें

Rajasthan: जयपुर नगर निगम में 9 नवंबर के बाद हट जाएंगी दोनों मेयर, अधिकारी चलाएंगे शहरी सरकार; जानें क्यों

जयपुर में पूनम को सौंपी जिम्मेदारी

जयपुर संभागीय आयुक्त पूनम को जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम का प्रशासक नियुक्त किया गया है। इसी तरह, जोधपुर और कोटा के संभागीय आयुक्तों को भी उनके संबंधित नगर निगमों का प्रशासक बनाया गया है। सरकार ने इन तीनों शहरों के नगर निगमों को एकीकृत करने का निर्णय लिया है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में दक्षता बढ़ेगी। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक नए बोर्ड का गठन नहीं हो जाता।

जनता के महत्वपूर्ण काम होंगे प्रभावित

नगर निगमों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्षदों और मेयर का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप राशन कार्ड में संशोधन, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आरटीई, और पुलिस सत्यापन जैसे महत्वपूर्ण जनकार्य प्रभावित हो सकते हैं। ये कार्य अब तक पार्षदों के माध्यम से सुगमता से हो रहे थे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में नागरिकों को सांसदों, विधायकों या राजपत्रित अधिकारियों के पास सिफारिश के लिए जाना पड़ सकता है।

एकीकरण से क्या बदलेगा?

बताते चलें कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में पहले दो-दो नगर निगमों (जैसे जयपुर में हेरिटेज और ग्रेटर) के कारण विकास कार्यों में समन्वय की कमी और विवाद की स्थिति बनी रहती थी। स्ट्रीट लाइट, सीवर लाइन जैसे बुनियादी कार्य भी समय पर पूरे नहीं हो पाते थे। अब एक होने के बाद नगर निगम बनने से बजट, विकास कार्यों और जिम्मेदारियों का केंद्रीयकरण होगा।

इससे योजनाओं का बेहतर समन्वय होगा और संसाधनों का प्रभावी उपयोग संभव हो सकेगा। प्रशासकों के नेतृत्व में प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक व्यवस्थित होने की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें

भारत के ‘एडमैन’ पीयूष पांडे का निधन, जयपुर से था गहरा लगाव; 2014 में दिया था ये राजनीतिक नारा

Published on:
24 Oct 2025 01:57 pm
Also Read
View All

अगली खबर