Atrocities on Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एक खिलाफ जयपुर के बड़ी चौपड़ पर बड़ी संख्या में साधु-संतों ने विरोध-प्रदर्शन किया।
Atrocities on Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एक खिलाफ जयपुर के बड़ी चौपड़ पर बड़ी संख्या में आरएसएस के स्वयंसेवकों, साधु-संतों व हिंदू संगठनों के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्यवाही की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए भारत सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और बांग्लादेश पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाने की मांग की।
बता दें, बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाओं के खिलाफ आज जयपुर में बड़ी चौपड़ पर आक्रोश रैली निकाली गई। जिसमें संतों ने विरोध-प्रदर्शन किया। जयपुर में हुई रैली का नेतृत्व हवामहल क्षेत्र के विधायक बाल मुकुंदाचार्य ने किया। संतों और महात्माओं ने बांग्लादेश में हो रहे हिंसा और अत्याचारों पर चिंता व्यक्त करते हुए जिहादी मानसिकता के लोगों से इसे तुरंत रोकने की मांग की। इस रैली में 'जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई' जैसे नारे भी सुनाई दिए।
बताते चलें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भारत के हिंदू समाज में आक्रोश है। जिसकी वजह से राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद ने भी सोमवार को प्रदर्शन किया और अत्याचारों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
बांग्लादेश मामले पर जयपुर के हवामहल से बीजेपी के विधायक बालमुकुंदआचार्य ने सभी हिंदू सनातनियों के साथ मिलकर बड़ी चौपड़ पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जब उनसे अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमने राम मंदिर के लिए भी 528 साल इंतजार किया, लेकिन हमें न्यायालय के निर्णय पर पूर्णत: विश्वास था। हमने उसका पालन किया, आगे भी करते रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जिहादियों ने इस मामले पर माहौल खराब करने की कोशिश की…राम मंदिर पर फैसला आएगा तो उपद्रव हो जाएगा, लेकिन पीएम मोदी और गृहमंत्री के कारण राम मंदिर शांतिपूर्व बना। ऐसे ही कश्मीर के लिए कहा गया था, लेकिन विपक्ष और कांग्रेस यह समझ ले कि यह मुग़लों का समय नहीं चल रहा है। अब देश में भगवा-ए-हिंद का काल चल रहा है, सनातनियों की सरकार चल रही है…इसलिए अगर इन पुराने धर्म स्थलों में मंदिरों के अवशेष हैं तो इन्हें वापस पूजा के लिए सनातनियों को सौंपे जाएं। अगर ऐसा नहीं होगा तो भी हम न्यायालय के फैसले को मानेंगे।
गौरतलब है कि बीते बुधवार को अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा अजमेर दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका लगाई गई। न्यायालय ने इस पर सुनावाई करते हुए इससे संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है। इस मामले में कोर्ट 20 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगी।