Urban Local Bodies : इन नगर पालिकाओं के गठन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद न्यायालय ने इनकी अधिसूचना को स्थगित कर दिया है।
जयपुर। प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में गठित नवीन नगर पालिकाओं के गठन की अधिसूचना को रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है। स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा ने इस बारे में विधानसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों की इन नगर पालिकाओं के गठन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद न्यायालय ने इनकी अधिसूचना को स्थगित कर दिया है।
स्वायत्त शासन राज्यमंत्री ने बताया कि अधिसूचना को रद्द करने के बाद इन नगर पालिकाओं को ग्राम पंचायतों में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि स्थानीय जनप्रतिनिधि और आमजन द्वारा मांग की जाती है और परीक्षण में अनुकूल रिपोर्ट मिलती है, तो इन क्षेत्रों में नगर पालिकाओं के गठन पर पुनः विचार किया जाएगा।
अनुसूचित क्षेत्रों की नगर पालिकाओं के गठन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इसके बाद न्यायालय ने इनकी अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत जिला कलक्टर से प्रस्ताव प्राप्त होने और परीक्षण के बाद ही नगर पालिका घोषित करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। अधिसूचना को रद्द करने के बाद ये सभी नगर पालिकाएं फिर से ग्राम पंचायतों में तब्दील की जा सकती हैं।
राज्यमंत्री ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार द्वारा 19 मई 2018 को जारी अधिसूचना के तहत बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद और सिरोही जिलों के कुछ क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया था। इसके बाद इन क्षेत्रों में निम्न नगर पालिकाओं का गठन किया गया था।
उदयपुर – सेमारी, सराडा-चावंड, खेरवाडा, झाडोल और ऋषभदेवडूंगरपुर – सीमलवाडा
बांसवाड़ा – घाटोल
प्रतापगढ़ – धरियावद और दलोट