India Youth Parliament: राजस्थान विधानसभा में राज्यस्तरीय भारत युवा संसद का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं की देश के विकास में भागीदारी को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
India Youth Parliament in Assembly: राजस्थान विधानसभा में राज्यस्तरीय विकसित भारत युवा संसद का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं की देश के विकास में भागीदारी को लेकर विचार-विमर्श हुआ। यह कार्यक्रम खेल मंत्रालय द्वारा पूरे देश में आयोजित किया जा रहा है। बुधवार को आयोजित इस युवा संसद में 140 युवा प्रतिभागी अपने विचार रख रहे हैं, जिनमें से तीन सर्वश्रेष्ठ वक्ताओं को राष्ट्रीय युवा संसद के लिए चुना जाएगा।
युवा संसद के उद्घाटन अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने युवाओं को नसीहत देते हुए कहा कि युवा राजनीति में भाग लें, लेकिन राजनीति न करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि सामने वाले को गिराकर आगे बढ़ना राजनीति नहीं, बल्कि अविश्वास पैदा करता है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब वे श्यामा प्रसाद मुखर्जी और मधु लिमयै जैसे विपक्षी नेताओं के विचारों को सुनते थे और अच्छी चीजों को लागू करते थे। लेकिन आज राजनीति में अविश्वास हावी हो गया है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि आज संसद या देशभर की विधानसभा देखता हूं तो पीड़ा होती है। भ्रम फैलाना, जनता को प्रलोभन देकर किसी भी तरह सत्ता हासिल करने का वातावरण चिंता पैदा करता है।
इस दौरान वासुदेव देवनानी ने युवाओं में बढ़ती आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुंठित मानसिकता और धैर्य की कमी इसकी प्रमुख वजह है। युवा अपनी क्षमताओं से अधिक सोचने लगते हैं, जिससे वे मानसिक दबाव में आ जाते हैं। उन्होंने युवाओं से धैर्य रखने और जीवन के उतार-चढ़ाव को समझने की अपील की।
उन्होंने कहा कि जब निराशा आए तो गीता पढ़ लीजिए, आपको धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन जरूर करना चाहिए। जीवन कैसा हो, इसके लिए रामायण पढ़िए। मैं कई बार एनालिसिस करता हूं कि सीता राजा की बेटी थी, उसके बाद उन्हें सुख कहां मिला? जैसे ही शादी होकर आईं, जंगल चली गईं और लौटकर आईं तो धरती में समा गईं। उन्हें राजसी वैभव का सुख कहां मिला। देवनानी ने कहा कि ये हमारे देश के आदर्श हैं, इन्हें जरूर पढ़ना चाहिए।
युवा संसद में विधानसभा स्पीकर ने भारत के इतिहास को लेकर भी महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत हजारों साल पुराना देश है। वास्कोडिगामा ने भारत को नहीं खोजा, भारत पहले से था। युवा विकसित भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ें, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2047 तक सपना है। विकसित भारत रेलगाड़ी, होटल से नहीं बनता, इसका मतलब है सर्वे भवन्तु सुखिन।
गौरतलब है कि राज्यस्तरीय युवा संसद में भाग ले रहे युवा अपने विचारों को प्रस्तुत कर नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवा नीति-निर्माण प्रक्रिया को समझने और लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित होंगे। इस आयोजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन युवाओं को राष्ट्रीय युवा संसद के लिए चुना जाएगा, जहां वे अपने विचार राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत कर सकेंगे।