- जिला स्तरीय समिति की बैठक में हुआ अनुमोदन - जिले की 6 पंचायत समितियों के 45 ग्राम पंचायतों में स्थित 89 गांवों में होंगे जल संरक्षण कार्य
कोटपूतली-बहरोड़. जल संकट से निपटने और स्थायी जल स्रोत सृजित करने की दिशा में सरकार कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 के तहत जिले में इस अभियान के द्वितीय चरण के अंतर्गत चयनित परियोजनाओं की डी.पी.आर. (परियोजना प्रतिवेदन) के अनुमोदन के लिए जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में 1033 जल संरक्षण कार्यों के लिए 3717.40 लाख रुपए की डी.पी.आर. को हरी झंडी दी गई।
27868 हेक्टेयर क्षेत्र में जल संरक्षण के होंगे कार्य
बैठक में अधीक्षण अभियंता हरिमोहन बैरवा ने बताया कि जिले की 6 पंचायत समितियों के 45 ग्राम पंचायतों में स्थित 89 गांवों के 27868 हेक्टेयर क्षेत्र में जल संरक्षण एवं प्रबंधन के कार्य प्रस्तावित हैं। इस योजना के अंतर्गत 1033 कार्यों पर कुल 3717.40 लाख रुपए की डीपीआर का अनुमोदन किया गया।
23 प्रकार की गतिविधियां होंगी शामिल
अभियान के तहत जलग्रहण क्षेत्र विकास से जुड़ी 23 विभिन्न गतिविधियां शामिल की गई हैं जिनमें एनिकट निर्माण, एमपीटी (मिनी परकोलेशन टैंक), सीसीटी (कंटूर ट्रेंच), रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग, मेढ़बंदी, जोहड़, तालाब, रिचार्ज शॉफ्ट, चारागाह विकास, वृक्षारोपण, फार्म पोंड, संकन पोंड, स्प्रिंकलर और पाइपलाइन जैसी कार्यों को शामिल किया गया है।
जल संरक्षण की दिशा में पहल
यह अभियान राज्य सरकार की जल संरक्षण की दिशा में एक पहल है जिससे न सिर्फ जल स्तर में सुधार होगा बल्कि कृषि, पशुपालन और पर्यावरण संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 ग्रामीण क्षेत्रों को जल संरक्षण के मामलों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बैठक में जलग्रहण विकास विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, वन विभाग, कृषि एवं उधानिकी विभाग, जन0 स्वा0अभि0 विभाग, सिचाई विभाग एवं अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया।