जयपुर के चौड़ा रास्ता निवासी 48 वर्षीय उम्मेदसिंह को रात करीब 12 बजे घबराहट हुई। पहले नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें एसएमएस इमरजेंसी में ले जाने को कहा गया। यहां ईसीजी में हार्ट अटैक की पुष्टि हुई।
जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल की इमरजेंसी में शनिवार देर रात हार्ट अटैक के मरीज के साथ लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया। परिजन का आरोप है कि अस्पताल में हुई ईसीजी में हार्ट अटैक की पुष्टि होने के बावजूद डॉक्टरों ने मरीज का पूरा इलाज नहीं किया।
दरअसल चौड़ा रास्ता निवासी 48 वर्षीय उम्मेदसिंह को रात करीब 12 बजे घबराहट हुई। पहले नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें एसएमएस इमरजेंसी में ले जाने को कहा गया। यहां ईसीजी में हार्ट अटैक की पुष्टि हुई। परिजन का कहना है कि इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने रिपोर्ट देखने के बाद सिर्फ दवा लगाने और दो-तीन दिन रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि एंजियोग्राफी से तुरंत आराम आ जाएगा लेकिन प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ेगा।
घबराए परिजन मरीज को सी-स्कीम स्थित निजी अस्पताल ले गए, जहां देर रात ही दो स्टेंट डाले गए। गोल्डन ऑवर में इलाज होने से मरीज की जान तो बच गई, लेकिन 1.60 लाख रुपए का खर्च उठाना पड़ा।
जनाधार अपडेट नहीं होने के कारण इलाज के बाद जब परिजन ने पुनर्भरण व मदद के लिए 181 नंबर पर कॉल किया, तो वहां उनकी पूरी बात 5-6 बार सुनी गई, लेकिन हर बार कॉल होल्ड पर डाल दी गई। कॉल ट्रांसफर ही नहीं हुआ। थक-हारकर परिजन ने जिला कलक्ट्रेट जाकर गुहार लगाई। वहां उन्हें टीआइडी जनरेट कराकर पुनर्भरण की सलाह दी गई। लेकिन जब निजी अस्पताल से संपर्क किया गया तो पता चला कि टीआइडी इलाज के 24 घंटे के भीतर ही बन सकती है। इस वजह से वे भी असहाय रह गए।
एसएमएस अस्पताल में दिन-रात कार्डियक प्रोसीजर किए जाते हैं। मैं स्वयं कई बार देर रात तक ऐसे प्रोसीजर करता हूं। कार्डियोलॉजी विभाग के अन्य डॉक्टर भी यह प्रक्रिया करते हैं। किसी एक मरीज को ऐसा क्यों कहा गया, यह जांच का विषय है। संबंधित रेजिडेंट से जवाब मांगा है। -डॉ. दीपक माहेश्वरी, प्राचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज