Bisalpur July update : सामान्यतः बांध के गेट अगस्त-सितंबर में खोले जाते हैं, लेकिन इस बार मानसून की तीव्रता और त्रिवेणी की रफ्तार को देखते हुए जुलाई में ही गेट खोले जाने की संभावना बन रही है।
Bisalpur Dam Water Level Rise : जयपुर। जुलाई की शुरुआत इस बार प्रदेश के लिए बड़ी सौगात लेकर आई है। भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में हुई तेज बारिश का असर अब साफ दिखने लगा है। बीसलपुर बांध में महज चार दिनों में जलस्तर 100 सेमी (1 मीटर) तक बढ़ गया है। इससे जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों के करीब दो महीने के पेयजल संकट से राहत मिल गई है।
सिंचाई विभाग के अनुसार, 1 जुलाई को बांध का जलस्तर 312.56 आरएल मीटर था, जो 4 जुलाई की दोपहर तक 313.58 आरएल मीटर तक पहुंच गया। यानी चार दिनों में जलस्तर में 1.02 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई। यह तेजी से हुई जलभराव की स्थिति जलस्रोतों की समृद्धि का संकेत है।
भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश के कारण त्रिवेणी नदी में उफान आ गया है। नदी चार मीटर गेज के साथ बह रही है, जिससे बांध में निरंतर पानी की आवक बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार इस आवक से बीसलपुर बांध से जुड़े तीनों जिलों को करीब दो महीने तक निर्बाध पेयजल आपूर्ति की जा सकती है।
बीसलपुर से प्रतिदिन लगभग 1100 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है। इसमें अकेले जयपुर को 530 एमएलडी जल सप्लाई होती है, जिससे शहर के 5.15 लाख घरों को पानी उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में बांध का जल्दी भरना राजधानी के लिए राहत भरी खबर है।
सामान्यतः बांध के गेट अगस्त-सितंबर में खोले जाते हैं, लेकिन इस बार मानसून की तीव्रता और त्रिवेणी की रफ्तार को देखते हुए जुलाई में ही गेट खोले जाने की संभावना बन रही है। फिलहाल बांध केवल 2 मीटर खाली है और यदि इसी प्रकार पानी आता रहा तो जल संसाधन विभाग को गेट खोलने का निर्णय लेना पड़ सकता है।
हालांकि, विभाग की ओर से फिलहाल स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है। यदि जलस्तर नियंत्रित दायरे से ऊपर जाता है, तो समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
बीसलपुर बांध में जलस्तर में आई तेजी से वृद्धि ने राजधानी समेत आसपास के जिलों को बड़ी राहत दी है। जल संकट की चिंता लगभग समाप्त हो चुकी है, और यदि बारिश का यही क्रम जारी रहा तो जल्द ही बांध ओवरफ्लो की स्थिति में पहुंच सकता है।