जयपुर

जयपुर नगर निगम में 150 वार्डों से मिली कई आपत्तियां, अब इस तरह निकलेगा हल; जानिए पूरा प्रोसेस

Jaipur Nagar Nigam: राजधानी जयपुर में नगर निगम के लिए 150 वार्डों का नया खाका तैयार कर लिया गया है। वार्ड परिसीमन के ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद अब तक 193 आपत्तियां और सुझाव मिले हैं।

2 min read
Apr 18, 2025
Jaipur Municipal Corporation

Jaipur Nagar Nigam: राजधानी जयपुर में नगर निगम के लिए 150 वार्डों का नया खाका तैयार कर लिया गया है। कुछ दिन पहले जयपुर ग्रेटर निगम के अधिकारियों ने इस प्रस्तावित नक्शे को जिला कलक्टर जितेन्द्र सोनी को सौंप दिया, जिसके बाद इसका ड्राफ्ट प्रकाशन भी कर दिया गया। इसके बाद प्रक्रिया के तहत आपत्तियां और सुझाव मांगे गए, जिनका अगले माह तक निस्तारण (निपटान) किया जाएगा।

अब तक 193 आपत्तियां-सुझाव दर्ज

बता दें, जयपुर नगर निगम में वार्ड परिसीमन के ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद जनता और जनप्रतिनिधियों की ओर से अब तक 193 आपत्तियां और सुझाव दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें से अधिकांश सुझाव वार्ड सीमा के बदलाव, भौगोलिक असमानता और प्रशासनिक सुविधा से जुड़े हुए हैं।

आपत्तियों-सुझावों का आगे क्या होगा?

सबसे पहले 21 दिनों के भीतर इन सभी आपत्तियों-सुझावों को टिप्पणी सहित राज्य सरकार को भेजा जाएगा, जिसकी अंतिम तिथि 8 मई 2025 है। फिर राज्य सरकार 22 मई 2025 तक सभी दावों-आपत्तियों पर विचार करेगी और उनका निस्तारण करेगी। इसके बाद ही परिसीमन प्रस्ताव का अनुमोदन होगा और यह अंतिम रूप से प्रभाव में आएगा।

गौरतलब है कि इस बार के परिसीमन में विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 22 वार्ड बनाए गए हैं, जबकि आमेर में केवल तीन वार्ड प्रस्तावित हैं। जनसंख्या के हिसाब से वार्ड संख्या 19 (विद्याधर नगर) सबसे बड़ा वार्ड होगा, जिसकी जनसंख्या 37,711 है। वहीं सबसे छोटा वार्ड संख्या 132 (आदर्श नगर) होगा, जहां की जनसंख्या 10,371 है।

नगर पालिकाओं में भी 183 आपत्तियां दर्ज

बताते चलें कि केवल जयपुर नगर निगम ही नहीं, बल्कि जिले की 2 नगर परिषदों और 13 नगर पालिकाओं में भी 183 आपत्तियां दर्ज की गई हैं। ये आपत्तियां उपखंड कार्यालय, जोन कार्यालय और जिला कलेक्ट्रेट में प्राप्त हुई हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि वार्ड सीमाओं को लेकर स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में सुझाव और असहमति सामने आई है।

क्यों जरूरी है वार्ड परिसीमन?

वार्ड परिसीमन एक प्रशासनिक प्रक्रिया है जिसमें जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र और प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को नए सिरे से विभाजित किया जाता है। इसका उद्देश्य समान जनसंख्या वितरण, प्रभावी स्थानीय प्रशासन और उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना होता है।

नवंबर में पूरा होगा निगमों का कार्यकाल

मालूम हो कि जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर, दोनों का कार्यकाल नवंबर 2025 में समाप्त होने वाला है। ऐसे में राज्य सरकार का फोकस है कि 'वन स्टेट-वन इलेक्शन' मॉडल के तहत सभी नगरीय निकायों में एक साथ चुनाव कराए जाएं। परिसीमन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही इस दिशा में आगे बढ़ा जाएगा।

Published on:
18 Apr 2025 12:36 pm
Also Read
View All

अगली खबर