जयपुर

Brahma Temples : पुष्कर में ही नहीं देश में इन जगहों पर भी है ब्रह्मा मंदिर, इन 5 के बारे में जानिए

Brahma Temples : ब्रह्मा मंदिर सिर्फ पुष्कर में ही नहीं है। जानकर आश्चर्य होगा कि देश में कई और स्थानों पर ब्रह्मा का मंदिर है। जानिए इन 5 ब्रह्मा के मंदिर के बारे में।

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ब्रह्मा मंदिर पुष्कर। फोटो पत्रिका

Brahma Temples : जब भी चर्चा होती है तो कहा जाता है कि देश में भगवान ब्रह्मा का एक ही मंदिर है। वह मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर, ब्रह्मा को समर्पित सबसे पुराना मंदिर है। पर इसके अतिरिक्त भी देश में ब्रह्मा जी के मंदिर हैं। जानिए इन 5 ब्रह्मा के मंदिर के बारे में।

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ब्रह्मा जी के मंदिर पुष्कर

राजस्थान के अजमेर जिले में पुष्कर झील के पास ब्रह्मा मंदिर है। यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर में ब्रह्माजी की चार मुख वाली बैठी मूर्ति है। ब्रह्मा मंदिर की प्राचीन संरचना करीब 2000 वर्ष पुरानी है, हालांकि वर्तमान संरचना 14वीं शताब्दी की है। मंदिर का आंतरिक गर्भगृह भगवान ब्रह्मा और उनकी दूसरी पत्नी गायत्री को समर्पित है। मंदिर संगमरमर और पत्थर की छुरियों से बना है। इसका लाल शिखर दूर से ही दिखाई देता है। मंदिर में एक विशिष्ट हंस (पक्षी) आकृति है।

कार्तिक पूर्णिमा पर, शहर में ब्रह्मा को समर्पित एक उत्सव मनाया जाता है। श्रद्धालु पवित्र पुष्कर झील में स्नान और शुद्धि के बाद मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। ब्रह्मा मंदिर को दुनिया के 10 सबसे धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। पुराणों में वर्णित है कि यहां आने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

असोत्रा ब्रह्मा मंदिर, बाड़मेर। फोटो पत्रिका

असोत्रा ब्रह्मा मंदिर, बाड़मेर

राजस्थान के बाड़मेर जिले के असोत्रा में ब्रह्मा का मंदिर है। यह मंदिर राजस्थान में पुष्कर के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण ब्रह्मा मंदिर है। यह विश्व का एकमात्र ऐसा ब्रह्मा मंदिर है जो आज भी पूर्ण रूप से जीवंत है। लगभग 1300 वर्ष प्राचीन इस मंदिर में ब्रह्माजी की साक्षात् मूर्ति है। गर्भगृह में सफेद संगमरमर की ब्रह्माजी की चतुर्मुखी, पूर्णकाय (लगभग 4 फीट ऊंची) प्रतिमा विराजमान है, जिसके साथ मां गायत्री एवं मां सरस्वती की मूर्तियां भी हैं। कार्तिक पूर्णिमा को यहां विशाल मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर में रोजाना 200 किलो से अधिक अनाज पक्षियों को खिलाया जाता है।

ब्रह्मपुरेश्वर मंदिर, तिरुपत्तूर

तिरुपत्तूर (तमिलनाडु) का आदि ब्रह्मा मंदिर, जिसे ब्रह्मपुरेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में ब्रह्मा जी का भी विशेष महत्व है और शिव ने ब्रह्मा को श्राप से मुक्ति दिलाई थी, इसलिए यहां शिव की पूजा 'ब्रह्मपुरेश्वर' के रूप में होती है। यह मंदिर तमिलनाडु के त्रिची के पास तिरुपत्तूर गांव में स्थित है। मंदिर परिसर में ब्रह्मा जी का भी स्थान है और उनका शिव से गहरा संबंध है, जिससे यह मंदिर ब्रह्मा पूजा के लिए भी जाना जाता है।

आदि ब्रह्मा मंदिर, खोखान, कुल्लू घाटी। फोटो-साभार

आदि ब्रह्मा मंदिर, खोखान, कुल्लू घाटी

आदि ब्रह्मा मंदिर भुंतर से लगभग 5 किमी और कुल्लू शहर से 10 किमी दूर खोखन गांव में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह कुल्लू घाटी और ब्यास नदी का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। भुंतर और कुल्लू शहर और अन्य आस-पास के स्थानों से सड़क मार्ग से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

ऐसी मान्यता प्रचलित है कि मंदिर में पूजा मंडी और कुल्लू दोनों जिलों के श्रद्धालु करते हैं। जैसे ही दो राज्य विभाजित हुए, मंडी में दूसरी तरफ एक प्रतिकृति बनाई गई, जहां भक्तों को उस मंदिर में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जो राज्य की सीमाओं के भीतर था। बौद्ध प्रभाव होने की वजह से इस मंदिर का नाम आदि रखा गया।

ब्रह्मा करमाली मंदिर पणजी। फोटो पत्रिका

ब्रह्मा करमाली मंदिर, पणजी

ब्रह्मा करमाली मंदिर वालपोई से लगभग सात किमी और पणजी से लगभग 60 किमी दूर स्थित है। हालांकि यह मंदिर उतना पुराना नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह मूर्ति लगभग 11वीं शताब्दी की है। ब्रह्मा को समर्पित ये गोवा का एकमात्र मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में रखी गई ब्रह्मा की काली पत्थर की मूर्ति को 20 वीं शताब्दी में गोवा के कैरम्बोलिम में लाया गया था।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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Published on:
05 Dec 2025 03:25 pm
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