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Indresh Upadhyay : इंद्रेश उपाध्याय की शादी की रस्में शुरू, इस खास मेहमान पर है सबकी नजर, जानिए कौन हैं अलबेली महाराज

Indresh Upadhyay Marriage : प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की आज जयपुर में धूमधाम से शादी हो रही है। इस शादी में एक ऐसा व्यक्ति है जिस पर सबकी नजर रहेगी। जानिए कौन हैं अलबेली माधुरी शरण महाराज।

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Indresh Upadhyay Shipra Marriage rituals start all eyes are on this special guest find out who is Albeli Maharaj

प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय। फाइल फोटो पत्रिका

Indresh Upadhyay Marriage : जयपुर में आज बहुत गहमागहमी है। मशहूर कथावाचक इंद्रेश महाराज और शिप्रा की शादी की रस्में जयपुर के ताज आमेर होटल में शुरू हो गई है। इस शादी को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के लिए काशी, उज्जैन और नासिक से भी वैदिक ब्राह्मणों को आमंत्रित किया गया है। इस शादी समारोह में कई वीआईपी और साधु संत शामिल हुए हैं। इस शादी में एक ऐसा व्यक्ति है जिस पर सबकी नजर रहेगी। जानिए कौन हैं अलबेली माधुरी शरण महाराज।

नृत्य सेवा से प्रिया-प्रीतम की करते हैं आराधना

अलबेली माधुरी शरण महाराज प्रतिष्ठित वैष्णव संत और आध्यात्मिक गुरु हैं, यह शुक सम्प्रदाय की परंपरा से जुड़े हुए हैं। उन्हें श्री शुकसम्प्रदायाचार्य और पीठाधीश्वर के रूप में जाना जाता है। वह जयपुर में स्थित सुभाष चौक के श्री सरस निकुंज के भी प्रधान पीठ हैं। अलबेली माधुरी शरण महाराज एक समर्पित भक्त हैं। यह राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं। वे नृत्य सेवा के माध्यम से प्रिया-प्रीतम की आराधना करते हैं। वह खुद को 'भिखारी' बताकर कृपा की भीख मांगते हैं।

इंग्लिश प्रोफेसर थे अलबेली माधुरी शरण महाराज

अलबेली माधुरी शरण महाराज का मूल रूप से क्राइस्ट परिवार से सम्बंध है। इंग्लिश प्रोफेसर रहे जुगल माधुरी जी (जिन्हें अलबेली माधुरी शरण के नाम से जाना जाता है) ने गुरु कृपा से युगल सरकार (राधा-कृष्ण) की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। वे बड़े दादा सरकार के कृपा पात्र माने जाते हैं।

प्रेमानंद महाराज संग हुए भावुक मिलन आए चर्चा में

नवंबर 2025 में अलबेली माधुरी शरण महाराज अचानक चर्चा में आए। जब उनकी मुलाकात वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज से हुई थी। इस मिलन में दोनों संत भाव-विभोर हो गए थे। अलबेली माधुरी शरण महाराज, प्रेमानंदजी महाराज के चरणों में गिर पड़े और रोते हुए बोले, 'महाराज जी, जय हो! दंडवत प्रणाम! राम की कृपा करिए।