राजस्थान में निजी बस संचालकों की हड़ताल फेल होने के बाद अब परिवहन विभाग एक्शन मोड में है।
राजस्थान में निजी बस संचालकों की हड़ताल फेल होने के बाद अब परिवहन विभाग एक्शन मोड में है। आरटीओ की कार्रवाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। परिवहन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें लगातार फील्ड में सक्रिय हैं। कार्यवाही के चलते बस मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है।
देर रात तक ठीकरिया, राजाधोक और शिवदासपुरा टोल नाकों पर संयुक्त प्रवर्तन अभियान चलाया गया। इस दौरान 150 से ज्यादा वाहनों के चालान काटे गए और करीब 22 बसों पर कार्यवाही की गई। इनमें से कई बसें ओवरलोड पाई गई, जबकि कई में सेफ्टी फीचर्स नहीं था। अभियान के दौरान 20 से अधिक ओवरलोड वाहनों को भी रोका गया। विभाग को इस सख्त कार्रवाई से करीब 10 लाख रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।
सुरक्षित सफर अभियान के तहत दो बसों को जब्त किया गया है। जांच में पाया गया कि इन बसों में न तो इमरजेंसी गेट थे, न ही उचित गैंगवे की व्यवस्था थी। इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा के नियमों की अवहेलना करते हुए इन बसों में एक्स्ट्रा सीटें और लगेज कैरियर लगाए गए थे। परिवहन विभाग के आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि नियमों का पालन न करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी।
रामनिवास गार्डन स्थित पार्किंग में कई बसों को सीज किया गया है। विभाग का कहना है कि बिना सेफ्टी फीचर्स के बसें अब किसी भी हाल में सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगी। इसके अलावा जो भी बसें सड़क पर बिना सेफ्टी फीचर्स के दौड़ती मिलेगी। उन पर कार्रवाई जारी रहेगी।
बता दें कि निजी स्लीपर बस संचालकों ने 31 अक्टूबर को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदेशव्यापी हड़ताल की थी। संचालकों ने सरकार की नई सुरक्षा गाइडलाइनों और बसों में अनिवार्य तकनीकी बदलावों का विरोध किया था। हालांकि परिवहन सचिव शुचि त्यागी की सख्त चेतावनी के बाद बस ऑपरेटरों को झुकना पड़ा और चार दिन बाद हड़ताल बिना शर्त समाप्त करनी पड़ी।
परिवहन विभाग की सचिव शुचि त्यागी ने दो टूक कहा था कि बिना सेफ्टी फीचर्स वाली बसों को अब सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद अब नियम विरूद्ध चलने वाले वाली बसों पर कार्यवाही जारी है।