जयपुर

CBSE 10th Board Result 2024 : स्पोर्ट्स स्टूडेंट ने किया कमाल, कुछ महीनों की मेहनत का मिला शानदार परिणाम, हासिल किए 96.8% अंक

CBSE Topper Success Mantra : सीबीएसई 10वीं और 12वीं का रिजल्ट आने के बाद बच्चों के चेहरे पर रौनक है। पत्रिका से बातचीत के दौरान 10वीं में 98.6% लाने वाली श्लेषा पांडे का कहना है कि अगर कंसिस्टेंसी से मेहनत की जाए तो कोई भी बच्चा इतने नंबर ला सकता है।

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May 14, 2024

जयपुर. सीबीएसई 10वीं और 12वीं का रिजल्ट आने के बाद बच्चों के चेहरे पर रौनक है। सीबीएसई 10वीं में 96.8% लाने वाली श्लेषा पांडे ने पत्रिका से बातचीत के दौरान कहा कि कि "मैंने पूरी स्ट्रेटेजी बनाकर एग्जाम की तैयार की। मुझे लगता है कि अगर कंसिस्टेंसी से मेहनत की जाए तो कोई भी बच्चा इतने नंबर ला सकता है। पढ़ाई के दौरान मैंने टाइम-टेबल और अपने टार्गेट्स नोट्स दीवारों पर लगा दिए ताकि उसे देखकर बार-बार अपने लक्ष्य को याद रख पाऊं। मुझे याद है जब मेरे प्री बोर्ड में मात्र 94% आ रहे थे तो लगा कि बोर्ड में कम पर्सेंटेज बनेंगे, लेकिन मेरे माता-पिता ने एग्जाम के दौरान खूब सर्पोट किया। जिस वजह से आज मैंने अच्छे नंबर हासिल किए।

पढ़ाई के कारण छूटा नेशनल लेवल टूर्नामेंट

फुटबॉल प्लेयर रही श्लेषा ने नेशनल लेवल टूर्नामेंट को छोड़कर 10वीं की परीक्षा पर फोकस किया। श्लेषा बताती है कि फुटबॉल खेलना मेरा पैशन है, लेकिन मैंने बोर्ड एग्जाम के दौरान अपना टाइम टेबल बदला और खेलने से ज्यादा पढ़ाई पर फोकस किया। उस वक्त मेरा फुटबॉल टूर्नामेंट में सेलेक्शन हो गया। मैंने स्टेट लेवल पर खेला, लेकिन एग्जाम की वजह से नेशनल में नहीं जा पाई। सिर्फ कुछ महीनों की मेहनत से टॉपर बनी। दरअसल खेल की वजह से पढ़ाई पर पूरा ध्यान नवंबर के बाद ही दे पाई और तभी से अलग स्ट्रेटेजी बनाई। मैंने टाइम-टेबल में ब्रेक के लिए भी समय निकाला क्योंकि तैयारी के दौरान ब्रेक भी उतना ही जरूरी है, क्योंकि आप लगातार नहीं पढ़ सकते। मैंने एनसीईआरटी की किताबें पढ़ी और नोट्स बनाएं। इसके साथ ही मैंने प्रिवियस ईयर के पेपर भी सॉल्व किए। मुझे याद है कि मैंने जनवरी से 20-30 पेपर सॉल्व किए होंगे साथ ही सभी सब्जेक्ट्स मैथ्य, साइंस, हिंदी आदि को बराबर समय दिया। मैं आगे जाकर विदेश में हायर स्टडी करना चाहती हूं।

लक्ष्य सिंघल ने यूट्यूब से पढ़ाई कर हासिल की सफलता

लक्ष्य सिंघल ने सीबीएसई 10वीं बोर्ड की तैयारी के लिए यूट्यूब की मदद ली। लेक्चर देखकर नोट बनाते थे, फिर उन नोटों से बोर्ड की तैयारी किया। इसके अलावा लक्ष्य ने प्रिवियस ईयर के पेपर भी सॉल्व किए। उनकी मां गवर्नमेंट टीचर हैं वहीं पिता मेडिकल शॉप चलाते हैं। लक्ष्य का कहना है कि उनको माता-पिता ने भी घर पर खूब सर्पोट किया।

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