राजस्थान में वाणिज्यिक कर विभाग ने कोटा व नागौर में एक पान मसाला निर्माता की कई फैक्टरियों पर सर्च अभियान चलाकर टैक्स चोरी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
राजस्थान में वाणिज्यिक कर विभाग ने कोटा व नागौर में एक पान मसाला निर्माता की कई फैक्टरियों पर सर्च अभियान चलाकर टैक्स चोरी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया। विभाग की एस-जीएसटी की 9 टीमों ने कार्रवाई करते हुए 1580 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का खुलासा किया। यह अब तक की सबसे बड़ी टैक्स चोरी की कार्रवाई मानी जा रही है, जिसमें बिना बिल के बड़े पैमाने पर पान मसाले का उत्पादन और बिक्री की जा रही थी।
स्टेट जीएसटी के मुख्य आयुक्त कुमार पाल गौतम के अनुसार पिछले एक माह से इनपुट एकत्र किए जा रहे थे। गुप्त सूचनाओं के आधार पर राज निवास पान मसाला की फैक्टरियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई और पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद विभाग ने एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की। सर्च के दौरान यह सामने आया कि पान मसाले के इस ब्रांड की करोड़ों रुपए की सप्लाई बिना बिलिंग के की जा रही थी, जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ।
कार्रवाई में दो मुख्य आरोपियों को गिरतार किया गया है। इनमें कोटा निवासी कमल किशोर अग्रवाल और बागपत (गाजियाबाद) निवासी गौरव ढाका शामिल हैं। दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 28 मई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये आरोपी लंबे समय से टैक्स चोरी की गतिविधियों में संलिप्त थे और एक सुनियोजित नेटवर्क के जरिए जीएसटी की चोरी को अंजाम दे रहे थे। इस पूरी कार्रवाई में विभाग की टीम ने भारी मात्रा में अघोषित सुपारी, पिपरमेंट, एसेंस, कृत्रिम कत्था, तंबाकू एक्सट्रैक्ट, पैकिंग मैटेरियल, कच्चा जर्दा, फिनिश्ड तंबाकू आदि जब्त किया है।