जयपुर ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में सोमवार सुबह मुख्य सचिव सुधांश पंत का निरीक्षण अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज की हकीकत उजागर कर गया।
जयपुर ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में सोमवार सुबह मुख्य सचिव सुधांश पंत का निरीक्षण अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज की हकीकत उजागर कर गया। ई-फाइलिंग सिस्टम की समीक्षा में कई फाइलें दिनों तक लंबित पाई गईं, जिस पर मुख्य सचिव ने सख्त नाराजगी जताई।
ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में सोमवार सुबह 9:35 बजे पहुंचे मुख्य सचिव सबसे पहले आयुक्त गौरव सैनी के कार्यालय में गए और अधिकारियों व कार्मिकों की उपस्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने ई-फाइलिंग सिस्टम की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान कनिष्ठ सहायक श्वेता मल्होत्रा और लेखा शाखा में कनिष्ठ सहायक विजय लता शर्मा का फाइल निस्तारण औसत समय 100 घंटे से अधिक पाया गया। इस पर मुख्य सचिव ने सख्ती से पूछा, ‘‘तीन-चार दिन फाइल अपने पास रखकर क्या करती हो?’’
मुख्य सचिव ने आयुक्त को निर्देश दिया कि जमीन-मकानों के पट्टे जारी करने, नाम ट्रांसफर, सब-डिवीजन और पुनर्गठन से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता से निस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि लोग समय पर पट्टे नहीं मिलने से परेशान हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग पर बात करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि रैंक में सुधार हुआ है, आगे हम टॉप फाइव में आने का प्रयास करेंगे।
महेंद्र वर्मा, सहायक लेखा अधिकारी - 08 मिनट
पवन जांगिड़, सहायक राजस्व निरीक्षक - 13 मिनट
प्रदीप मिश्रा, सहायक अभियंता - 13 मिनट
श्वेता मल्होत्रा, कनिष्ठ सहायक: 120 घंटे
विजय लता शर्मा, कनिष्ठ सहायक: 115 घंटे
सुनील शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी: 109 घंटे
फाइल पेंडेंसी पर कार्रवाई
दोपहर में आयुक्त ने बैठक बुलाई और जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की फाइल पेंडेंसी 20 घंटे से अधिक पाई गई, उन्हें सुधारने के लिए कहा।
महापौर सौम्या गुर्जर ने दोपहर बाद अभियंताओं की बैठक बुलाई। उन्होंने सभी से कहा कि बारिश में निगम सीमा क्षेत्र की सडक़ें भी खराब हुई हैं। इनकी मरम्मत करवाई जाए।