5 अक्टूबर 2024 को जयपुर सर्राफा में एक किलोग्राम चांदी का भाव 93200 रुपए था। ऐसे में 10 ग्राम के सिक्के की कीमत करीब 1050 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक थी।
दिवाली पर चांदी का सिक्का खरीदने को शुभ मानते हैं। पर इस बार इसे खरीदना भी आसान नहीं है। कारण शुक्रवार को सर्राफा बाजार में 10 ग्राम चांदी के सिक्का की कीमत 2 हजार रुपए के पार चल रही है, जबकि गत वर्ष यह 1100 रुपए में मिल रहा था।
ज्वैलर्स के अनुसार जयपुर में चांदी का भाव बुधवार को 1 लाख 78 हजार रुपए था। इस लिहाज से 10 ग्राम चांदी की कीमत 1780 रुपए हो गई, जबकि सिक्का जब बेचा जाता है तो उसमें मेकिंग चार्ज के साथ ही जीएसटी व अन्य खर्च जुड़ते हैं। ऐसे में चांदी सिक्का 2000 रुपए से अधिक कीमत में बिक रहा था। हालांकि बाजार में बिक्री जोरों पर है।
2000 से कम का तोड़ महंगी होती चांदी के बीच दुकानदारों ने कम कीमत के सिक्के भी बाजार में उपलब्ध करा दिए हैं। यदि आप 1500 या 1600 रुपए का सिक्का मांगेंगे, तो भी मिल जाएंगे। कारण यह 8 ग्राम वजन का उपलब्ध हो रहा है। यानी चांदी का वजन कम कर कीमत को सीमित किया गया है।
15 अक्टूबर 2024 को जयपुर सर्राफा में एक किलोग्राम चांदी का भाव 93200 रुपए था। ऐसे में 10 ग्राम के सिक्के की कीमत करीब 1050 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक थी। जानकारों का मानना है कि किसी भी वस्तु की कीमत जब ज्यादा होती तो उसमें मुनाफाखोरी और जालसाजी बढ़ जाती है। चांदी और सोने के साथ भी ऐसा ही है। धनतेरस पर शगुन के तौर पर लोग चांदी के सिक्के खरीदते हैं।
भारतीय मानक ब्यूरो की निदेशक कनिका कालिया का कहना है कि धनतेरस दिवाली पर ग्राहक सोने-चांदी के गहने, सिक्के आदि हॉलमार्क और एचयूआइडी देखकर ही खरीदें। सोने-चांदी के आइटम में जितनी शुद्धता का दावा किया जा रहा है, उतना शुद्ध है या नहीं इसके लिए बीआइएस के एप पर तुरंत जानकारी मिल सकती है। यह एप प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
इसमें एचयूआइडी नंबर डालने पर सोने-चांदी के उस आइटम की शुद्धता की पूरी जानकारी मिल जाती है। हालांकि चांदी पर अभी सरकार ने हॉलमार्क अनिवार्य नहीं किया है, लेकिन सलाह दी है कि चांदी के सिक्के और अन्य आइटम भी एचयूआइडी नंबर के साथ ही बेचें। ग्राहकों से अपील है कि दुकानदारों से चांदी के सिक्कों और अन्य ऑर्नामेंट्स पर भी हॉलमार्क की मांग करें ताकि सर्राफा व्यापारी और ज्वैलर चांदी के आइटम पर भी हॉलमार्क लगाकर बेचें।
कनिका कालिया निदेशक, बीआइएस