राजस्थान सरकार ने प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत दिव्यांगजन कार्मिकों की दिव्यांगता का पुनः परीक्षण करने का आदेश जारी किया है।
राजस्थान में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी पाने का सनसनीखेज मामले सामने के बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। कार्मिक विभाग ने प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत दिव्यांगजन कार्मिकों की दिव्यांगता का राजकीय मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड से पुनः परीक्षण करने का आदेश जारी किया है।
सरकार के आदेशानुसार, अनियमितताओं को देखते हुए सभी विभागों में कार्यरत दिव्यांगजन कार्मिकों की दिव्यांगता के पुनः परीक्षण की कार्यवाही की जानी है। इस हेतु राजकीय मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड से उनका नियमानुसार परीक्षण करवाया जाएगा।
यदि किसी प्रकरण में राजकीय सेवा हेतु दिव्यांगता के निर्धारित मानक में कमी पायी जाती है या गलत प्रमाण पत्र जारी करना पाया जाता है तो दोषी कार्मिक के विरुद्ध कार्यवाही करने व अनियमितता के संबंध में उस कार्मिक की सूचना कार्मिक विभाग व एसओजी को भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से आयोजित RAS भर्ती परीक्षा-2023 के इंटरव्यू में संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण पत्र के मामले सामने आए। आयोग की जांच में सामने आया कई अभ्यर्थी पहले से ही राजकीय सेवाओं में ग्रेड थर्ड टीचर, पटवारी या अन्य पदों पर कार्यरत हैं। इन सभी की पिछली सरकारी नियुक्तियां भी दिव्यांग श्रेणी कोटे से हुई है। ऐसे में दिव्यांग अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच की जाएगी।