रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा आयोजित 'एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग फॉर डिफेंस एप्लीकेशन का आयोजन मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा आयोजित 'एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग फॉर डिफेंस एप्लीकेशन का आयोजन मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग की भूमिका, उसकी चुनौतियों और संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करना था। इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम में देशभर से वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
इस आयोजन में विभिन्न विशेषज्ञों ने एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग की नवीनतम तकनीकों पर अपने विचार साझा किए। प्रमुख वक्ताओं में डॉ. टी. राम प्रभु (डीआरडीओ), डॉ. सजन कपिल (आईआईटी गुवाहाटी), डॉ. प्रतीक सक्सेना (आईआईटी मंडी), डॉ. एम. के. बनर्जी, डॉ. शिवा एस (आईआईटी जम्मू), डॉ. प्रतिष्ठा शर्मा (आईआईटी दिल्ली) और डॉ. सुनील सिनमर (बीआईटीएस पिलानी) शामिल रहे। उन्होंने इस तकनीक की औद्योगिक चुनौतियों और रक्षा क्षेत्र में इसकी अपार संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
इस कार्यशाला का प्रमुख आकर्षण इमेजिनेरियम सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और आइडिया डिज़ाइन सॉल्यूशंस द्वारा प्रस्तुत एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के लाइव डेमोंस्ट्रेशन रहे। प्रतिभागियों को उन्नत 3डी प्रिंटिंग तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव मिला, जिससे उन्हें रक्षा क्षेत्र में इस तकनीक के वास्तविक अनुप्रयोगों को समझने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम की सफलता में आयोजन समिति और लघु अवधि पाठ्यक्रम के संयोजकों डॉ. जिनेश जैन और डॉ. यशवंत कोली का विशेष योगदान रहा। उनके नेतृत्व में यह आयोजन सुचारू, ज्ञानवर्धक और अत्यंत सफल रहा। समापन सत्र में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, साथ ही उन्हें रक्षा क्षेत्र में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया।
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीक रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है। विशेषज्ञों ने आशा जताई कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं, प्रायोजकों और आयोजन समिति के सदस्यों को उनके अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद दिया गया और भविष्य में इसी तरह के और तकनीकी कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।