
समाधान की गति में सुधार, पर इंतजार अब भी
जनसमस्या निवारण पोर्टल पर बीते कुछ वर्षों में शिकायतों के समाधान की गति में पहले की तुलना में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। कई नागरिकों को समय पर और संतोषजनक समाधान भी मिल रहा है, जिससे पोर्टल की उपयोगिता सिद्ध होती है। हालांकि, अब भी अनेक मामलों में शिकायतकर्ताओं को लंबा इंतजार करना पड़ता है और बार-बार रिमाइंडर भेजने की जरूरत महसूस होती है। यदि सभी शिकायतों पर समान रूप से समयबद्ध कार्रवाई हो, तो आमजन का भरोसा और मजबूत हो सकता है। - प्रवेश भूतड़ा, सूरत
निरीक्षण के बाद दिखा असर
जनसमस्या निवारण पोर्टल पर कुछ शिकायतों का समाधान तो होता है, लेकिन पहले कई मामलों में बिना ठोस कार्रवाई के ही शिकायतें बंद कर दी जाती थीं। इसी स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा पोर्टल केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया, जहां उन्होंने स्वयं एक शिकायत का तत्काल निस्तारण कराया। इसके बाद व्यवस्था में काफी हद तक सुधार देखने को मिला है। यह दर्शाता है कि निगरानी और जवाबदेही से पोर्टल की कार्यप्रणाली बेहतर हो सकती है। - योगेश स्वामी, सूरतगढ़
त्वरित निवारण पर सवाल
मुझे नहीं लगता कि जनसमस्या निवारण पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का त्वरित समाधान वास्तव में हो रहा है। यदि ऐसा होता, तो सैकड़ों शिकायतें लंबे समय तक लंबित न रहतीं। कई मामलों में कार्रवाई की प्रक्रिया धीमी नजर आती है, जिससे शिकायतकर्ता निराश होता है। पोर्टल की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब शिकायत दर्ज होने के बाद निश्चित समय-सीमा में प्रभावी निवारण किया जाए और लंबित मामलों की संख्या में लगातार कमी आए। - वसंत बापट, भोपाल
उपयोगी साधन, पर सीमाएं भी
जनसमस्या निवारण पोर्टल के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी सामने आती हैं। विभागीय स्तर पर प्रयास करके इन कमियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह पोर्टल एक अच्छा और प्रभावी माध्यम है, पर यह गारंटी नहीं देता कि हर शिकायत तुरंत हल हो जाएगी। कुछ समस्याएं दिनों में सुलझ जाती हैं, तो कुछ में महीनों लग जाते हैं। सही दस्तावेज़ देना और शिकायत की स्थिति ट्रैक करना जरूरी है। - अक्षित विश्नोई, मटोल चक
संतुष्टि ही हो अंतिम मानदंड
जनसमस्या निवारण पोर्टल को आम नागरिक की बड़ी उम्मीद के रूप में प्रस्तुत किया गया था, लेकिन इसकी कार्यप्रणाली पर अब सवाल उठ रहे हैं। कई बार बिना स्थलीय जांच और शिकायतकर्ता की पुष्टि के ही शिकायत को निस्तारित घोषित कर दिया जाता है, जबकि समस्या बनी रहती है। कुछ मामलों में राहत जरूर मिली है, पर यदि प्रक्रिया केवल आंकड़ों तक सीमित रही तो जनता का भरोसा कमजोर होगा। जवाबदेही तय हो और शिकायतकर्ता की संतुष्टि अंतिम कसौटी बने। - डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर
Updated on:
18 Dec 2025 07:40 pm
Published on:
18 Dec 2025 07:38 pm
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