जयपुर

राजस्थान में विद्युत क्षेत्र के निजीकरण को लेकर उठ रही आशंकाओं पर ऊर्जा मंत्री का बड़ा बयान

Electricity Privatization : क्या राजस्थान में बिजली का निजीकरण होने वाला है? ऊर्जा मंत्री ने तोड़ी चुप्पी। बिजली का निजीकरण या सशक्तिकरण? जानिए सरकार की असली योजना।

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Apr 04, 2025

जयपुर। राजस्थान में विद्युत क्षेत्र के निजीकरण को लेकर उठ रही आशंकाओं पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है। जयपुर स्थित विद्युत भवन में विद्युत कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से संवाद के दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया कि कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहेंगे और उनके सहयोग से प्रदेश का बिजली तंत्र और अधिक सशक्त होगा। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी, कोल इंडिया जैसी केंद्रीय कंपनियों के साथ किए गए समझौते प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने प्रदेश के विद्युत कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से शुक्रवार को विद्युत भवन में संवाद किया। इस दौरान नागर ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों की अपेक्षाओं एवं आशंकाओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्युत क्षेत्र के निजीकरण की राज्य सरकार की कोई मंशा नहीं है।

उपभोक्ताओं को बिना किसी ट्रिपिंग के किफायती बिजली मिले

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार की प्राथमिकता है कि उपभोक्ताओं को बिना किसी ट्रिपिंग के किफायती बिजली मिले और ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली तंत्र को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों में विद्युत निगमों के कार्मिक महत्वपूर्ण भागीदार हैं। कार्मिकों के सहयोग से ही राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। उत्पादन के क्षेत्र में जो संयुक्त उद्यम एमओयू किए गए हैं, वे एनटीपीसी, पावर ग्रिड, कोल इंडिया सहित अन्य प्रतिष्ठित केन्द्रीय उपक्रमों के साथ किए गए हैं। इनसे प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा की मांग को बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ पूरा किया जा सकेगा। 

हाईब्रिड मॉडल से दिन में बिजली, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वितरण के क्षेत्र में हाईब्रिड एन्युटी मॉडल बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ किसानों को दिन में बिजली की मांग को पूरा करने के दृष्टिगत कारगर कदम है। यह मॉडल विकेन्द्रित सोलर संयंत्रों की स्थापना में बड़ा बदलाव लाएगा। इससे डिस्कॉम्स को ट्रांसमिशन छीजत में कमी के साथ स्थानीय स्तर पर ही उत्पादित सौर ऊर्जा के रूप में सस्ती बिजली मिल सकेगी। इससे वितरण कंपनियों के घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। इसी प्रकार प्रदेश के प्रसारण तंत्र को भी योजनाबद्ध रूप से मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि ऊर्जा क्षेत्र के तीनों आयामों-उत्पादन, वितरण एवं प्रसारण में कर्मचारियों के हितों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा। 

विद्युत कार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने  उनकी चिंताओं पर सकारात्मक रुख के लिए ऊर्जा मंत्री का आभार व्यक्त किया।

इस दौरान चेयरमैन डिस्कॉम्स आरती डोगरा, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक देवेन्द्र श्रृंगी सहित विद्युत निगमों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Updated on:
04 Apr 2025 08:22 pm
Published on:
04 Apr 2025 08:19 pm
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