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जयपुर। छात्रा अमायरा की मौत से जुड़े मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने नीरजा मोदी स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की मान्यता रद्द कर दी है। यह फैसला बोर्ड द्वारा गठित दो सदस्यीय तथ्य-जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसमें स्कूल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही उजागर हुई। हालांकि, छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को देखते हुए बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं के वर्तमान विद्यार्थियों को सत्र 2025-26 में उसी स्कूल से बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी है, जबकि किसी भी कक्षा में नए प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
CBSE की जांच में सामने आया कि स्कूल परिसर में छात्र सुरक्षा से जुड़ी बुनियादी व्यवस्थाएं बेहद कमजोर थीं। CCTV कैमरों की संख्या और कवरेज अपर्याप्त पाई गई, जिससे निगरानी व्यवस्था प्रभावी नहीं थी। ऊंची मंजिलों पर सेफ्टी नेट या मजबूत रेलिंग जैसी आवश्यक सुरक्षा सुविधाएं मौजूद नहीं थीं। इसके अलावा छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर काउंसलिंग सिस्टम भी प्रभावी रूप से काम नहीं कर रहा था। एंटी-बुलिंग, POCSO और चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटियां केवल औपचारिक रूप से गठित थीं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनकी सक्रियता नहीं दिखी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि छात्रों और स्टाफ द्वारा ID कार्ड न पहनने से पहचान और निगरानी व्यवस्था कमजोर बनी रही। प्रत्येक फ्लोर पर पर्याप्त स्टाफ की तैनाती नहीं होना भी बड़ी प्रशासनिक चूक मानी गई। इन सभी कमियों को छात्रा की मौत से जुड़े अहम कारकों के रूप में देखा गया है।
CBSE ने एक और गंभीर पहलू की ओर इशारा किया है। घटना के बाद मौके से खून के धब्बे साफ किए जाने की बात सामने आई, जिससे फोरेंसिक जांच प्रभावित हुई। बोर्ड ने इसे अत्यंत गंभीर मानते हुए जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
बोर्ड ने बताया कि 20 नवंबर 2025 को स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन स्कूल की ओर से दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला कि यदि तय सुरक्षा, निगरानी और काउंसलिंग प्रोटोकॉल का पालन किया जाता, तो हादसा टल सकता था। इस आधार पर CBSE ने एफिलिएशन बायलॉज के कई प्रावधानों के उल्लंघन का हवाला देते हुए मान्यता रद्द की।
आदेश के अनुसार सत्र 2026-27 से कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों को अन्य नजदीकी CBSE स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं नीरजा मोदी स्कूल सत्र 2027-28 में ही दोबारा संबद्धता के लिए आवेदन कर सकेगा, वह भी सभी सुरक्षा और छात्र संरक्षण मानकों को पूरी तरह लागू करने के बाद। CBSE की यह कार्रवाई स्कूलों के लिए छात्र सुरक्षा को लेकर एक सख्त संदेश मानी जा रही है।
Updated on:
30 Dec 2025 11:09 pm
Published on:
30 Dec 2025 11:07 pm
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