20 December 2024 Jaipur Tragedy: जयपुर के भांकरोटा में हुए भीषण सड़क हादसे ने एक परिवार को पूरी तरह तोड़कर रख दिया। एक साल बीतने के बाद भी मां की आंखों के आंसू थमे नहीं हैं।
2024 Bhankrota Fire Accident: ‘पहले पति मोतीराम को 32 साल की उम्र में सड़क हादसे ने छीन लिया। संघर्ष कर बेटे राधेश्याम को पाला। जब वह 32 साल का हुआ, तो एक और सड़क हादसे ने उसे भी छीन लिया। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घर और खेत-सब वही संभालता था। पूरा साल रो-रोकर निकल गया। उस दिन सुबह 10 बजे फोन पर बात हुई थी। उसने कहा था, "मैं ठीक हूं।"' इतना कहते ही हादसे में मृतक राधेश्याम चौधरी की मां गीता देवी चुप हो गईं।
चाचा हीरालाल चौधरी ने बताया कि हादसे में 80% जलने के बाद भी राधेश्याम ने हिम्मत नहीं हारी। उसे मानसरोवर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, वहां से एसएमएस अस्पताल भेजा गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
1 साल पहले राधेश्याम चौधरी, ठीकरिया पंचायत के बालमुकुंदपुरा गांव के रहने वाले, रोज़मर्रा की तरह सुबह अपनी नौकरी पर जाने के लिए घर से निकले थे। वह एनबीसी कंपनी में काम करते थे और परिवार की सारी जिम्मेदारियों को बड़े ही ईमानदारी से निभा रहे थे।
उनके कंधों पर परिवार की पूरी उम्मीदें टिकी थीं, क्योंकि उनके पिता की भी सड़क हादसे में पहले मौत हो चुकी थी। राधेश्याम खेती-बाड़ी और नौकरी दोनों संभालते थे ताकि घर का गुजारा आसानी से चल सके। हादसे के दिन जैसे ही वह भांकरोटा पहुंचे, एक गैस टैंकर और ट्रक की भयंकर टक्कर में वह आग की लपटों में घिर गए।
जिसके बाद उनकी मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए। उनकी पत्नी, मां, छोटा भाई और दो बच्चे (14 वर्षीय बेटी और 8 वर्षीय बेटा) अब भी उनके आने का इंतजार कर रहे हैं और खुदको समझा नहीं पा रहे की वह अब इस दुनिया में नहीं है।