Kisan Mahapanchayat: राजस्थान के किसान 15 मार्च मंडियों में सरसों बेचने नहीं जाएंगे। जानें आखिर ऐसा निर्णय क्यों लिया गया?
जयपुर। किसान महापंचायत के आह्वान पर सरसों की फसल का उचित दाम नहीं मिलने के विरोध में किसान 15 मार्च तक मंडियों में सरसों बेचने नहीं जाएंगे। जयपुर के किसान भवन में मंगलवार को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में 20 जिलों के किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5950 रुपए है, लेकिन अभी मंडियों में सरसों का भाव औसत 5500 रुपए है। किसान को कम से कम 6000 रुपए प्रति क्विंटल भाव मिलना चाहिए।
15 फरवरी से मंडियों में सरसों की आवक बढ़ जाती है, लेकिन सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की तैयारी नहीं की है। इसलिए किसान एक माह तक मंडियों में सरसों लेकर नहीं आएगा।
बैठक में कई पदाधिकारियों ने कहा कि वे गांव-गांव जाकर किसानों से इस मुद्दे पर संवाद करेंगे। प्रथम चरण में यह अवधि 15 मार्च तक रहेगी, 16 मार्च को समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।