जयपुर

Rajasthan: किरोड़ीलाल मीणा के छापे के बाद कृषि विभाग में मची खलबली, फैक्ट्रियों पर होगा बड़ा एक्शन

नकली उर्वरकों में खतरनाक मार्बल स्लरी और जिप्सम पाउडर ​निर्धारित मानकों से ज्यादा पाए जाने पर राज्य के कृषि विभाग में भी खलबली मच गई। अब विभाग ने संबंधित फैक्टियों के संचालकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। दूसरी तरफ विभाग के इंस्पेक्टर अब क्षेत्र की फैक्ट्रियों से सैंपल लेने की भागदौड़ कर रहे हैं।

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May 31, 2025
Photo- Patrika

राजस्थान के कृषि मंत्री ​डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने अजमेर के किशनगढ़ में नकली उर्वरक की फैक्ट्रियों पर छापा मारकर प्रदेश की जमीन को बंजर बनाने के खेल का पर्दाफाश किया है। मौके पर मिले नकली उर्वरक मानकों पर खरे नहीं उतरे। नकली उर्वरकों में खतरनाक मार्बल स्लरी और जिप्सम पाउडर ​निर्धारित मानकों से ज्यादा पाए जाने पर राज्य के कृषि विभाग में भी खलबली मच गई। अब विभाग ने संबंधित फैक्टियों के संचालकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। दूसरी तरफ विभाग के इंस्पेक्टर अब क्षेत्र की फैक्ट्रियों से सैंपल लेने की भागदौड़ कर रहे हैं।

यह है मामला

अजमेर की मार्बलनगरी किशनगढ़ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार किए जा रहे नकली उर्वरक की सप्लाई देशभर करने की सूचना पर पिछले दो दिन में राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा फैक्टरियों पर छापेमारी की। उनका कहना है कि इन फैक्टरियों में नामी कंपनी (इफको) के लिए माल तैयार करने के संकेत भी मिले हैं। इस संबंध में कंपनी के अधिकारी को बुलाकर जानकारी ली गई है।

इस नकली उर्वरक पर कंपनी का टैग लगाकर बेचने से ना केवल साख खराब हो रही है बल्कि किसानों के खेत बंजर होने का खतरा भी है। इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह को भी अवगत कराया गया है। इन फैक्टरियों में लाखों टन नकली उर्वरक एवं कच्चा माल सीज किया गया है। यहां नकली उर्वरक बनाने का काम पिछले कुछ सालों से योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है। फिलहाल छापे की कार्रवाई के बाद अधिकांश फैक्टरियों के संचालक मौके से भाग छूटे हैं।

छापेमारी से खलबली, सैंपल लेने में जुटा विभाग

कृषि मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने जब नकली उर्वरक की फैक्ट्रियों पर छापेमारी की तो फैक्ट्री संचालक भाग छूटे। अब कृषि विभाग फैक्ट्री संचालकों की जानकारी जुटाकर नोटिस देने और उनके जवाब मांगने की कार्रवाई कर रहा है। विभाग के इंस्पेक्टरों को उनके संबंधित क्षेत्र में संचालित उर्वरक फैक्ट्रियों से सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं।

फर्टिलाइजर से शॉर्ट टर्म उपज बढ़ी, जमीन की गुणवत्ता घटी

कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल ज्वाइंट डायरेक्टर केके मंगल का कहना है कि हरित क्रांति के दौरान कृषि में कैमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग बढ़ने से पैदावार भी 30 से 40 फीसदी तक बढ़ी। हालांकि इस दौरान गोबर की खाद, राख का उपयोग जमीन की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए बेहद जरूरी होता है। जबकि नकली उर्वरकों के लंबे समय तक उपयोग होने पर जमीन की पैदावार निश्चित रूप से प्रभावित होना तय है।

जमीन को बंजर कर रहे कैमिकल

नकली उर्वरकों में मिलाए मार्बल स्लरी में मौजूद कैल्शियम कार्बोनेट से खेत में मिट्टी के ऊपर की परत ठोस होने के कारण जमीन की पानी को सोंखने की क्षमता में गिरावट होती है। जिसका सीधा असर फसलों की उपज पर पड़ता है। मार्बल स्लरी पाउडर से फसलों को जरूरी मिनरल और पानी नहीं मिलने पर धीरे धीरे जमीन की पैदावार क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है।

खेती की जमीन का पीएच-7 जरूरी

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार खेती के लिए मिट्टी का पीएच-7 होना बेहद आवश्यक है। मिट्टी का पीएच- 7 से कम होने पर उसमें अम्लीयता बढ़ जाती है, और पीएच- 7 से अधिक होने पर क्षारीयता बढ़ जाती है। नकली उर्वरकों में मिलाए जा रहे मार्बल स्लरी पाउडर और जिप्सम से जमीन की क्षारीयता बढ़ती है। राख की मिलावट पीएच को मेंटेन रखने के लिए किया जाता है।

Updated on:
31 May 2025 04:45 pm
Published on:
31 May 2025 02:06 pm
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