Heavy Rain Alert: मौसम केन्द्र के अनुसार उत्तर प्रदेश और एमपी और पूर्वी राजस्थान के ऊपर परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। इसके असर से भारी बारिश का दौर जारी है।
राजस्थान के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश का दौर जारी है। बारां, कोटा, जयपुर, दौसा, निवाई में मंगलवार देर रात से भारी बारिश का दौर चला जो बुधवार सुबह तक जारी रहा। भारी बारिश से शहर में पानी-पानी हो गया।ग्रामीण इलाके जलमग्न हो गए। नदी-नालों में उफान आ गया। भारी बारिश के कारण सर्वामाधोपुर और कोटा के खातौली में बाढ़ के से हालात हो गए हैं।
मौसम केन्द्र के अनुसार उत्तर प्रदेश और एमपी और पूर्वी राजस्थान के ऊपर परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। इसके असर से भारी बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को भी अजमेर, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग में भारी बारिश होने की संभावना है।
इसी प्रकार राज्य के दक्षिण-पूर्वी भागों में एक अगस्त से भारी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है। सवाईमाधोपुर में बुधवार को बारिश का रेड अलर्ट जारी किया। यहां मानसरोवर में 230, भाड़ौती में 228, खंडार में 200 और सवाईमाधोपुर शहर में 213 मिमी बारिश दर्ज की गई।
प्रदेश में इस वर्ष डेढ़ माह में 15 जून से 30 जुलाई तक वर्षा जनित हादसों में 80 लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं 47 जने घायल हुए हैं। कच्चे-पके 32 मकानों को क्षति होने के साथ ही 40 पशुओं की भी जान गई है। आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक आकाशीय बिजली गिरने से 17, बहने व डूबने से 40 और दीवार व मकान गिरने से 23 लोगों की मृत्यु हुई है। सबसे ज्यादा मौतें 12 झालावाड़ जिले में हुई हैं।
कोटा, दिल्ली, अजमेर और जोधपुर से जयपुर आने-जाने वाली करीब डेढ़ दर्जन ट्रेनें लेट रहीं। कई ट्रेनें 2 से पौने 7 घंटे तक की देरी से चलीं। कोटा रूट की स्थिति सबसे खराब रही, जहां कई जगह रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया। इधर, लिंक रैक की कमी के कारण जयपुर से भी जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट, अजमेर से अजमेर-जबलपुर ट्रेन डेढ़-डेढ़ घंटे की देरी से रवाना हुई।
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बारां व मध्यप्रदेश में हो रही भारी बरसात के चलते कोटा जिले के खातौली में पार्वती नदी में उफान के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। उधर बारां हो रही लगातार बारिश के कारण कई मकान व भवन गिर गए।
झालावाड़- असनावर इलाके में बारिश होने से कालीसिंध नदी में पानी की आवक हुई ओर बांध के दो गेट खोले गए।
सवाईमाधोपुर- खंडार क्षेत्र में चंबल नदी में पानी की तेज आवक से बोदल पुलिया टूट गई। इससे जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया।