नगर निगम में पहली बार मुख्यालय के अधिशाषी अभियंता को कमजोर किया गया है। वहीं, जोन कार्यालय में कार्यरत एक्सईएन की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। आयुक्त ने आदेश निकालकर कई काम जोन कार्यालय को सौंपे हैं।
जयपुर. नगर निगम में पहली बार मुख्यालय के अधिशाषी अभियंता को कमजोर किया गया है। वहीं, जोन कार्यालय में कार्यरत एक्सईएन की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। आयुक्त ने आदेश निकालकर कई काम जोन कार्यालय को सौंपे हैं। निगम मुख्यालय में कार्यरत एक्सईएन 15 प्रमुख काम करते आ रहे हैं। ताकतवर कुर्सी के लिए हमेशा लड़ाई भी रहती थी और इसके लिए सिफारिशों से लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव भी बनाया जाता रहा है। माना जा रहा है कि कार्य वितरण की वजह से हॉट सीट रहने वाली कुर्सी अब सामान्य होने की संभावना है।
ये प्रमुख काम मुख्यालय स्तर से
-सुलभ शौचालयों और मूत्रालयों का निर्माण, स्थायी आश्रय स्थलों का रख रखाव, श्री अन्नपूर्णा रसोइयों का रख रखाव, नए लिटरबिन्स लगाने से लेकर उनकी देखरेख।
-साइनेज बोर्ड लगाने से लेकर प्रमुख मार्गों, चौराहों के नामकरण के फैसलों पर अमल करने से लेकर मूर्ति स्थापना संबंधी काम।
जोन को ये मिली जिम्मेदारी
-मोक्षधाम और कब्रिस्तानों में विकास कार्य, मरम्मत और रख रखाव का जिम्मा।
-सामुदायिक केंद्रों का निर्माण, निगम की सम्पत्ति (जोन कार्यालय, फायर स्टेशन से लेकर पार्षद कार्यालय, हाजिरीगाह) की देखरेख।