Vivekananda Scholarship: राजीव गांधी स्कॉलरशिप पर संकट: सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में। नाम बदला, योजना बर्बाद: विदेश पढ़ने वाले छात्रों को नहीं मिल रही स्कॉलरशिप। अशोक गहलोत का सरकार पर निशाना: स्कॉलरशिप में देरी से युवा हो रहे हैं निराश।
Rajiv Gandhi Scholarship: जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की भाजपा सरकार पर राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सिलेंस योजना को बर्बाद करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर 'विवेकानंदस्कॉलरशिप' कर दिया, लेकिन इससे न तो छात्रों को कोई लाभ मिला और न ही समय पर सहायता मिल पाई।
गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि योजना के तहत हर साल 500 मेधावी विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाती थी, परंतु इस बार भी स्कॉलरशिप समय पर जारी नहीं हुई है। विदेशों के विश्वविद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, लेकिन छात्र फीस नहीं भर पा रहे हैं, जिससे उनका दाखिला संकट में पड़ गया है।
सरकार का तर्क है कि फीस बाद में रिइम्बर्स कर दी जाएगी, लेकिन गहलोत ने सवाल उठाया कि यदि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के पास फीस भरने की क्षमता होती, तो वे स्कॉलरशिप के लिए इतने महीनों से इंतजार क्यों करते?
पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपील की है कि इस विषय पर तत्काल ध्यान दें, ताकि इन होनहार युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बच सके।
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना की शुरुआत कांग्रेस सरकार में हुई थी, जिसका उद्देश्य विदेशों में उच्च शिक्षा के इच्छुक मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता देना था। पूर्व सीएम का आरोप है कि भाजपा सरकार द्वारा नाम परिवर्तन और प्रक्रिया में देरी के कारण छात्रवृत्ति की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।