एसओजी की ओर से वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने बड़े खुलासे किए हैं। गिरफ्तार आरोपी जबराराम जाट ने 23 लाख रुपए में पेपर खरीदकर डेढ़ करोड़ रुपए में बेचा।
Rajasthan SOG Action: एसओजी की ओर से वनरक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने बड़े खुलासे किए हैं। पूछताछ में आरोपियों ने प्रिंटिंग प्रेस से प्री प्लान के तहत पेपर चोरी करने की जानकारी दी है। पेपर चुराने के लिए जानबूझकर पेपर शीट को गंदा किया गया था। उसे नष्ट करने के लिए डिस्ट्रॉय बॉक्स में डालकर दूसरे पेपर से बदलकर प्रिंटिंग प्रेस स्टाफ की मदद से दोनों पारियों के पेपर चुराए गए थे। मामले में शामिल अन्य आरोपियों की एसओजी तलाश कर रही है।
एसओजी से मिली जानकारी के अनुसार वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर 13 नवंबर 2022 को दो पारियों में हुआ था।
परीक्षा में डमी कैंडिडेट के जरिए अनुचित साधनों के उपयोग किए जाने की शिकायत पर बांसवाड़ा में केस दर्ज किए गए। बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आने पर एसओजी ने जांच शुरू की।
मुख्य आरोपी जबराराम जाट ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से 23 लाख रुपए में खरीद था। जिसे कई ग्रुपों में बेचकर 1.50 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की। जबराराम बाड़मेर के सरकारी स्कूल में शिक्षक पद पर कार्यरत था। जिसे बाद में बर्खास्त कर दिया गया।
पूछताछ में आरोपी खिलान सिंह ने 23 लाख रुपए में पेपर जबराराम को देने की बात कही। आरोपी खिलान सिंह पेपर प्रिंट करने वाली प्रिंटिंग प्रेस से जुड़ा था। प्रिंटिंग प्रेस स्टाफ की मदद से ही उसने दोनों पारियों के पेपर चोरी किए थे।
मिली जानकारी के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस में खिलान सिंह लेबर सप्लाई का काम करता था और प्रिंटिंग से जुड़ा पूरा काम उसकी लेबर ही संभालती थी। जिनकी मदद से खिलान सिंह पेपर चोरी करने में कामयाब रहा। प्लानिंग के तहत खिलान सिंह ने पेपर चोरी करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस के स्टाफ को शामिल कर लिया। पेपर गंदा कर पहले उसे डिस्ट्रॉय बॉक्स में डाला गया और वहां से बड़ी चालाकी से नष्ट किए पेपर से एक दूसरे पेपर को बदलकर पेपर चोरी कर लिया गया। अब प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों के नाम सामने आने पर एसओजी उनकी तलाश में जुट गई है।