9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वनपाल भर्ती पेपर लीक मामला: SOG को मिली बड़ी सफलता, 50 हजार का इनामी मुख्य सरगना शिक्षक गिरफ्तार

Rajasthan SOG Action: राजस्थान एसओजी ने वनपाल भर्ती परीक्षा-2022 के पेपर लीक प्रकरण में 50 हजार रुपए के इनामी और मामले के मुख्य सरगना शिक्षक जबराराम जाट को गिरफ्तार कर लिया है।

2 min read
Google source verification

फोटो पत्रिका नेटवर्क

जयपुर। राजस्थान एसओजी ने वनपाल भर्ती परीक्षा-2022 के बड़े पेपर लीक प्रकरण में महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए 50 हजार रुपए के इनामी और मामले के मुख्य सरगना शिक्षक जबराराम जाट को गिरफ्तार कर लिया है। एडीजी विशाल बंसल ने बताया कि आरोपी जबराराम जाट मूलत: पचपदरा (बालोतरा) हाल नहर कॉलोनी, रामजी का गोल, बाड़मेर निवासी है, जो लंबे समय से फरार चल रहा था।

आरोपी ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने पेपर सीधे प्रिंटिंग प्रेस से ही खरीदा था, जिसके लिए लगभग 25 लाख रुपए का भुगतान किया। बाद में पेपर को विभिन्न गिरोहों को बेचकर करीब 1.5 करोड़ रुपए की अवैध राशि जुटाई। वर्ष 2019 में जबराराम राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डांगरिया, गुड़ामालानी में शिक्षक पद पर कार्यरत था और पेपर लीक मामलों में संलिप्तता के कारण उसे सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।

बांसवाड़ा से पेपर लीक होना सामने आया था

विशाल बंसल ने बताया कि वनपाल पेपर लीक प्रकरण की शुरुआत बांसवाड़ा में उस समय हुई जब परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों और अन्य अनुचित साधनों के उपयोग की शिकायत पर कई मुकदमे दर्ज हुए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी प्रकरणों की जांच एसओजी को सौंपी गई। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि गुड़ामालानी (बाड़मेर) निवासी हीरालाल ने बांसवाड़ा जिले में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्नपत्र और उसके उत्तर पढ़वाए थे। इस आधार पर हीरालाल सहित अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया।

सरगना के साथी ने कई अभ्यर्थियों को पढ़ाया पेपर

पड़ताल में सामने आया कि मुख्य सरगना जबराराम का दूसरा सहयोगी गुड़ामालानी निवासी कंवराराम ने उदयपुर में अनेक अभ्यर्थियों को लीक प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया और पढ़वाया था। दोनों सहयोगियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि प्रश्नपत्र उन्हें जबराराम ने ही उपलब्ध करवाया था। आरोप पुख्ता होने पर जबराराम पर 50,000 रुपए का इनाम घोषित किया गया था। डीआइजी परिस देशमुख के निर्देशन में टीम लगातार आरोपी की तलाश में जुटी थी। हाल ही आरोपी के गुजरात में होने की सूचना मिली थी, तब टीम ने आरोपी को गुजरात से पकड़ा।