Fraud involving three-digit VIP numbers: जयपुर में परिवहन विभाग में थ्री डिजिट नंबरों के फर्जीवाड़े मामले में अब वाहन मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। भौतिक सत्यापन के दौरान अगर किसी वाहन के लिए फर्जी तरीके से नंबर जारी किए जाने की पुष्टि हो जाती है तो उस वाहन की आरसी निरस्त होगी और मालिक को उस वाहन से भी हाथ धोना पड़ेगा।
Fraud involving three-digit VIP numbers: जयपुर। परिवहन विभाग में थ्री डिजिट नंबरों के फर्जीवाड़े मामले में अब वाहन मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। सभी आरटीओ कार्यालयाें की ओर से प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बड़ी बात है कि भौतिक सत्यापन के दौरान अगर किसी वाहन के लिए फर्जी तरीके से नंबर जारी किए जाने की पुष्टि हो जाती है तो उस वाहन की आरसी निरस्त तो होगी, वहीं, दूसरी ओर फिर से उस वाहन का पुन: रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। ऐसे में मालिक को उस वाहन से भी हाथ धोना पड़ेगा।
बिना रजिस्ट्रेशन वाहन कबाड़ होगा। दरअसल, राज्य में अधिकतर थ्री डिजिट के वीआइपी नंबर लग्जरी कारों के लिए खरीदे गए हैं। इन कारों की कीमत 50 लाख से दो करोड़ रुपए तक की है। परिवहन विभाग का नोटिस मिलने के बाद वाहन स्वामियों और परिवहन कार्मिकों- अधिकारियों में हड़कंप मचा है।
परिवहन विभाग की ओर से आदेश जारी कर कहा गया है कि आरटीओ अधिकारी शपथ दें कि उन्होंने अपने कार्यालय में हुए थ्री डिजिट फर्जीवाड़े मामले में दोषी कार्मिक और बाहरी लोगों के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर करा दी है। वहीं, पुलिस को रिकॉर्ड उपलब्ध करा दिया है।
विभाग के इस आदेश के बाद सभी आरटीओ अधिकारियों को ऐसा शपथ देना अनिवार्य है। लेकिन शपथ पत्र को लेकर आरटीओ अधिकारियों में खलबली मची है। सवाल है कि कई आरटीओ अधिकारियों का नाम भी इस फर्जीवाड़े में सामने आ रहा है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर शपथ पत्र नहीं दिया तो माना जाएगा कि फर्जीवाड़े में आरटीओ अधिकारी की लिप्तता है।
जयपुर आरटीओ प्रथम में करीब दो हजार से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन वाहन स्वामियों को जगतपुरा आरटीओ कार्यालय बुलाया गया है। यहां 24 से 26 दिसंबर तक थ्री डिजिट के वाहनों के रजिस्ट्रेशन का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। वाहन संबंधी पूरे रिकॉड की जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि आरटीओ प्रथम राजेन्द्र सिंह शेखावत ने जयपुर आरटीओ कार्यालय में इस फर्जीवाड़े को पकड़ा था। इसके बाद राजस्थान पत्रिका ने पूरे प्रकरण को एक्सपोज किया था। इसके बाद परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में इस फर्जीवाड़े की जांच कमेटी बनाकर कराई थी।
सभी आरटीओ से शपथ पत्र मांगा है। कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर सूचना करें। यदि किसी अधिकारी की ओर से इस काम में लापरवाही की जाती है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
पुरुषोत्तम शर्मा, आयुक्त परिवहन विभाग