Religious Tourism India: 10 अगस्त तक करें ऑनलाइन आवेदन, चूकिए मत यह अवसर, हरिद्वार से रामेश्वरम्, द्वारका से वैष्णो देवी तक अब निःशुल्क दर्शन संभव,वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा को सलाम, यात्रा के बहाने संस्कृति का पुनर्जागरण।
Senior Citizen Pilgrimage: जयपुर। राजस्थान सरकार ने बुजुर्गों के सम्मान और आध्यात्मिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का विस्तार करते हुए एक बार फिर श्रद्धा, सेवा और संस्कृति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह योजना राज्य के 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क तीर्थ यात्रा का अवसर प्रदान करती है। इस वर्ष 56 हजार वरिष्ठजनों को हवाई और रेल मार्ग से देश-विदेश के 40 से अधिक प्रमुख तीर्थस्थलों के दर्शन कराए जाएंगे। 23 जुलाई को जयपुर से रामेश्वरम्-मदुरई के लिए एक विशेष ट्रेन रवाना होगी, जिससे योजना का अगला चरण प्रारंभ होगा।
इस योजना का उद्देश्य उन वरिष्ठजनों को मानसिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक संतोष देना है जिन्होंने जीवन भर समाज की सेवा की है। यह केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि भावनात्मक ऋण चुकाने का माध्यम है जो हर पीढ़ी अपने पूर्वजों के प्रति अनुभव करती है।
राज्य सरकार की 2025-26 की बजट घोषणा के अनुसार इस वर्ष कुल 56,000 वरिष्ठजनों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा। इनमें 50,000 एसी ट्रेन और 6,000 हवाई यात्रा के जरिए देश-विदेश के प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा करेंगे। 23 जुलाई को जयपुर से रामेश्वरम्-मदुरई के लिए एक विशेष ट्रेन रवाना होगी। इससे पहले 6 जून को मुख्यमंत्री ने योजना का शुभारंभ कर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी।
योजना के अंतर्गत 15 प्रमुख रेलमार्गों द्वारा 40 से अधिक तीर्थस्थलों की यात्रा करवाई जाएगी। इनमें हरिद्वार, अयोध्या, द्वारका, तिरुपति, गंगासागर, वैष्णो देवी, महाकालेश्वर, उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम् जैसे स्थल शामिल हैं। हवाई मार्ग से यात्रियों को नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर ले जाया जाएगा। इस वर्ष सिख धर्म के पवित्र स्थलों हजूर साहिब (महाराष्ट्र) व पटना साहिब (बिहार) को भी जोड़ा गया है।
इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पुनः प्रारंभ की गई है, जो 10 अगस्त तक देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर की जा सकती है। जिन वरिष्ठ नागरिकों का चयन पूर्व में हो चुका है और उन्होंने यात्रा नहीं की, उन्हें इस बार योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा और 100% अतिरिक्त यात्रियों की प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाएगी। एक ट्रेन में 800 वरिष्ठजन यात्रा कर सकेंगे।
यात्रा के दौरान डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, होटल, ट्रांसपोर्ट, भोजन व नाश्ते की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। ट्रेन के डिब्बों पर राजस्थानी लोक कला, मंदिरों, दुर्गों और त्योहारों को चित्रित किया गया है, जिससे प्रदेश की संस्कृति की झलक मिलती है। यह योजना राज्य सरकार की कल्याणकारी सोच के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का भी वाहक बन रही है।