नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हमारी सरकार ने महात्मा गांधी के विचारों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इस ट्रस्ट की स्थापना की थी।
जयपुर। भजनलाल सरकार ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के एक और फैसले पर कैंची चलाते हुए बड़ा झटका दिया है। राजधानी जयपुर के सेंट्रल पार्क में बनाए गए गांधी दर्शन संग्रहालय के संचालन के लिए बना गांधी वाटिका न्यास ट्रस्ट मंगलवार को समाप्त हो गया। भजनलाल सरकार ने सदन में गांधी वाटिका न्यास निरसन विधेयक ध्वनिमत से पारित करा दिया। मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि गांधी वाटिका न्यास में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उपाध्यक्ष को असीमित शक्तियां दे दी थीं, जिसमें अगर अध्यक्ष भी किसी को हटाना चाहेगा तो उसे उपाध्यक्ष से चर्चा करनी होगी। वहीं, संपत्ति को बेचने का अधिकार भी ट्रस्ट को दे दिया गया था।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 3 अक्टूबर 2023 को न्यास बनाया लेकिन आज तक एक भी बैठक नहीं हुई। 85 करोड़ की लागत से बने म्यूजियम को जनता के लिए नहीं खोला गया है। हमारी सरकार गांधी दर्शन संग्रहालय का संचालन करेगी। इसके लिए किसी न्यास की जरूरत नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हमारी सरकार ने महात्मा गांधी के विचारों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इस ट्रस्ट की स्थापना की थी। भाजपा सरकार का पहला बिल सदन में आया है, वो भी गांधी वाटिका को निरस्त करने के लिए।
सरकार बताए कि वह गांधी के विचारों को मानती है या फिर नाथूराम गोडसे को, अगर सरकार सही है तो फिर इस विधेयक को जनमत जानने के लिए जनता के पास भेजे। जिससे जनता यह तय कर देगी कि वो इस गांधी वाटिका न्यास को खत्म के पक्ष में हैं या फिर जारी रखने के पक्ष में है।
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