नवरात्र के रंग में रंगा वडोदरा इस बार सिर्फ गरबा की थापों के साथ साथ भावनाओं की गूंज से भी सराबोर है। यहां शाम को हम करीब आठ बजे पहुंचे तो ग्राउंड खाली था...गिने चुने लोग नजर आ रहे थे और आयोजक तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हुए थे।
नवरात्र के रंग में रंगा वड़ोदरा इस बार सिर्फ गरबा की थापों के साथ साथ भावनाओं की गूंज से भी सराबोर है। यहां शाम को हम करीब आठ बजे पहुंचे तो ग्राउंड खाली था…गिने चुने लोग नजर आ रहे थे और आयोजक तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हुए थे। घूमते फिरते एक ऐसे पेड़ पर मेरी नजर पड़ी, जिस पर कागज के आम लटक रहे थे।
जिन पर पेन से विश लिखी हुई थीं। किसी ने नवरात्र में मां से परिवार की रक्षा करने की की मन्नत मांगी तो कोई ऐसा भी था, जिसने सभी लड़कियों को खुश और सुरक्षित रहने की दुआ की। दरअसल, वड़ोदरा पूर्व राजघराने की ओर से गरबा का आयोजन करवाया जाता है।
वर्षों से आम के पेड़ को नवरात्रों में सजाया जाता है। माता के विभिन्न रूपों के पोस्टर भी लगाए जाते है। इस आम के पेड़ को मन्नत वाला पेड़ भी लोग कहते हैं। जो लोग गरबा में आते हैं। उनमें से कई लोग अपनी विश लिखकर माता के सामने पेड़ पर लगा देते हैं। बच्चों से लेकर बड़े और महिलाएं अपनी आस्था के अनुरूप यहां आकर विश लिखती हैं।
-हमेशा मेरे पापा, मां, पत्नी, भाई को सुरक्षित रखना
-जय माता दी… मां दुनिया की सभी लड़कियों को सुरक्षित और स्वतंत्र रखना
-मैं पहले की प्रयास में सीएस की परीक्षा पास करना चाहता हूं। मां इसमें मेरी मदद करना।
-जय मां अम्बे…मेरे बेटे को अच्छी पत्नी मिले। मेरे परिवार पर मां हमेशा आशीर्वाद बनाकर रखना।