यूजर चार्ज लेने की अधिसूचना अप्रेल, 2019 में ही जारी हो गई थी और कचरा संग्रहण की व्यवस्था धरातल पर आए तीन से पांच वर्ष हो चुके हैं।
भवनेश गुप्ता
प्रदेश के शहरों में बसी करीब दो करोड़ आबादी की 48 लाख प्रॉपर्टी से यूजर चार्ज लिया जाएगा। यह सालाना करीब 580 करोड़ रुपए होगा। राज्य सरकार ने सभी 305 नगरीय निकायों (शहरी सरकार) घर-घर कचरा संग्रहण के एवज में यह चार्ज लेना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसमें बढोतरी करने की छूट भी दे दी है। इसके लिए बढ़ती महंगाई का हवाला दिया है। इससे यूजर चार्ज में बढोतरी की आशंका भी बन गई है। स्वायत्त शासन विभाग के निर्देश पत्र के अनुसार ज्यादातर शहरों में घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है, लेकिन जयपुर समेत कुछ निकायों को छोड़कर कहीं भी यूजर चार्ज नहीं लिया जा रहा। इससे निकायों पर आर्थिक भार बढ़ रहा है। सरकार ने इस स्थिति पर गंभीरता जताई है। जबकि, यूजर चार्ज लेने की अधिसूचना अप्रेल, 2019 में ही जारी हो गई थी और कचरा संग्रहण की व्यवस्था धरातल पर आए तीन से पांच वर्ष हो चुके हैं।
कई निकाय यूजर चार्ज वसूलने का प्लान बनाते रहे हैं, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण इसे लागू नहीं कर पाए। स्थानीय राजनीति भी हावी रही है। बताया जा रहा है कि ऐसे कुछ निकायों ने स्वायत्त शासन मंत्री तक को स्थिति बताई। इसके बाद विभाग ने आदेश जारी किए।
यूजर चार्ज काफी पहले ही निर्धारित कर दिए थे, लेकिन निकाय नहीं ले रहे हैं। जहां घर-घर कचरा संग्रहण का काम चल रहा है, वहां यूजर चार्ज लेने के लिए कहा है ताकि निकायों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़े। जो शुल्क आएगा, उसका उपयोग डवलपमेंट और सफ़ाई कार्य में ही होगा।
-राजेश यादव, प्रमुख सचिव, स्वायत्त शासन विभाग
आवासीय प्रॉपर्टी में क्षेत्रफल के अनुसार 20-300 रुपए तक
दुकानों से 200-250 रुपए
गेस्ट हाउस, हॉस्टल 750 से 1000 रुपए
होटल, रेस्टोरेंट (कैटेगिरी अनुसार) 500 से 3000
ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, बैंक, सरकार कार्यालय 700 रुपए
निजी शिक्षण संस्थान, कोचिंग 1000 रुपए
क्लिनिक लैब, अस्पताल (कैटेगिरी अनुसार) 1000 से 4000 रुपए
विवाह स्थल, बैंक्वेट हॉल, प्रदर्शनी स्थल 2000 से 5000 रुपए
(शुल्क प्रतिमाह है)