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Mewar Property Dispute : अब दिल्ली हाईकोर्ट में होगी पूर्व राजघराने के संपत्ति विवाद की सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

Mewar Property Dispute : मेवाड़ के पूर्व शाही परिवार की संपत्तियों के बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। जहां सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्यराज मेवाड़ व उनकी बहन पद्मजा परमार के बीच राजस्थान हाईकोर्ट व मुंबई हाईकोर्ट में चल रहे संपत्ति विवादों को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया है।

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Mewar Property Dispute former royal family Lakshyaraj Padmaja Parmar now be heard in Delhi High Court Supreme Court has ordered

पद्मजा परमार व लक्ष्यराज मेवाड़। फाइल फोटो पत्रिका

Mewar Property Dispute : मेवाड़ के पूर्व शाही परिवार की संपत्तियों के बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्यराज मेवाड़ व उनकी बहन पद्मजा परमार के बीच चल रहे संपत्ति विवाद पर दखल दिया। कोर्ट ने गुरुवार को दोनों के बीच राजस्थान हाईकोर्ट व मुंबई हाईकोर्ट में चल रहे संपत्ति विवादों को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया। साथ ही छूट दी कि दोनों के बीच यदि कोई अन्य विवाद है, तो उसे भी दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का आग्रह किया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों की ओर से दायर मामलों पर यह आदेश दिया। मामला अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत की वैधता और परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति नियंत्रण से जुड़ा है।

इसमें उदयपुर स्थित सिटी पैलेस, एक प्रमुख होटल से जुड़ी संपत्ति सहित उदयपुर के पूर्व राजपरिवार से संबंधित अन्य संपत्तियां शामिल हैं। कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता उदयपुर के पूर्व महाराजा अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार से हैं, जो महाराणा भगवंत सिंह मेवाड़ के उत्तराधिकारी थे।

यह है विवाद

सुप्रीम कोर्ट में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित मामलों को राजस्थान हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की। वहीं पद्मजा परमार ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित प्रधान पीठ में लंबित मामलों को बॉम्बे हाईकोर्ट भेजने का अनुरोध किया।

इनमें से एक पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक आवेदन प्रशासक की नियुक्ति को लेकर भी लंबित है, क्योंकि इस विवाद में भारी मात्रा में आभूषण व अन्य कीमती चल संपत्तियां शामिल हैं।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि बॉम्बे हाईकोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट इस प्रकरण से संबंधित सभी केस और उनसे जुड़े दस्तावेज दिल्ली हाईकोर्ट को भेज दें, जहां जनवरी 2026 में सुनवाई होगी।