Good News : खुशखबर। रेलवे ने इजाद की नई तकनीक। अब अगर ट्रेन की बोगियों में पानी की कमी हुई तो मोबाइल पर तुरंत अलर्ट मिलेगा। इसके बाद यह शिकायत दूर हो जाएगी। जानें नई तकनीक क्या है?
Good News : रेल यात्रियों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें सफर के दौरान बोगी में पानी की किल्लत की समस्याओं से नहीं गुजरना पड़ेगा। यात्रियों की इन शिकायतों को दूर करने में रेलवे अब पुरजोर तरीके से जुट गया है। इसके लिए तकनीक का सहारा लेते हुए ट्रेनों की बोगियों में सेंसर से संचालित एक विशेष डिवाइस लगाई जा रही है। इससे कोच में पानी की उपलब्धता का तुरंत अपडेट मिल सकेगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे में जयपुर मंडल से इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। इस संबंध में उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनों के टॉयलेट में पानी खत्म होने की शिकायतें रेलवे के सोशल साइट्स पेज पर यात्री रोजाना कर रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे में एक साल में 1,104 यात्रियों ने रेल मदद पर बोगियों के टॉयलेट में पानी न होने की शिकायत की है। इन शिकायतों को दूर करने के लिए रेलवे ट्रेनों की बोगियों में रियल टाइम वाटर लेवल इंडीकेटर डिवाइस लगा रहा है।
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यह हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर प्रणाली आधारित रियल टाइम वाटर लेवल इंडीकेटर डिवाइस बोगियों के टॉयलेट के वाटर टैंक में लगाया जाएगा। शुरुआत तौर पर इन्हें सबसे पहले जयपुर-बांद्रा टर्मिनस ट्रेन में लगाया जा रहा है। इनको लगाने का काम शुरू हो गया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह अत्याधुनिक तकनीकयुक्त कयुनिकेशन सिस्टम डिवाइस बैटरी से संचालित होती है। इसका बैकअप छह माह है। इसे बार-बार चार्ज की भी जरूरत नहीं होती है। इसमें पानी का लेवल मापने के लिए हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर लगाया गया है। इसके तहत टैंक में रियल टाइम पानी के लेवल का पता लगाया जा सकता है। इसमें एक न्यूनतम लेवल निर्धारित किया जाता है। पानी का लेवल कम होते ही मैकेनिकल स्टाफ के पास तुरंत मोबाइल या डैशबोर्ड पर अलर्ट चला जाएगा। इससे पानी खत्म होने से पहले ही अगले स्टेशन पर उसमें पानी भरा जा सकेगा।
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