जयपुर

Guru pushya Yog: साल का अंतिम पूर्णकालिक गुरु पुष्य नक्षत्र पर गणेश मंदिरों में हुआ गणपति का पंचामृत अभिषेक, मोदक का लगाया भोग

रवि योग और अमृत सिद्धि योग के संयोग में साल के अंतिम पूर्णकालिक गुरु पुष्य योग पर आज शहरभर के गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य भगवान गजानन का पंचामृत अभिषेक किया गया।

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Nov 21, 2024
मोती डूंगरी गणेशजी का पुष्य नक्षत्र पर पंचामृत अभिषेक।

जयपुर. रवि योग और अमृत सिद्धि योग के संयोग में साल के अंतिम पूर्णकालिक गुरु पुष्य योग पर आज शहरभर के गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य भगवान गजानन का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। इस मौके पर गणेशजी का मनमोहक शृंगार भी किया गया। मोदक भोग अर्पित कर भक्तों को प्रसाद व रक्षा सूत्र बांटे गए। इसके बाद गणेशजी को फूल बंगले में विराजमान किया गया। मंदिरों के बाहर नए वाहनों की पूजन करवाने वालों की भी भीड़ रही।

गंगाजल से कराया स्नान

मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में भगवान गजानन का 151 किलो दूध, 11 किलो दही, सवा दो किलो घी, 11 किलो बुरा, शहद से अभिषेक किया गया। उसके बाद गुलाब जल, केवड़ा जल एवं गंगाजल से स्नान कराया गया। भगवान को नवीन पोशाक धारण करवाकर मोदक अर्पित किए गए।

सूरजपोल बाजार स्थित श्वेत सिद्धि विनायक गणेशजी मंदिर में गणेशजी का वेदमंत्रों के बीच दुग्धाभिषेक किया गया। मंदिर पं. नलिन शर्मा के सान्निध्य में महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए हवन किया गया। इसके बाद मूंग के लड्डुओं का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद बांटा गया।

अथर्वशीर्ष के पाठ किए

ब्रह्मपुरी माउंट रोड स्थित दाहिनी सूूड वाले नहर के गणेशजी मंदिर में महंत पं जय शर्मा के सान्निध्य में श्री गणपति अथर्वशीर्ष और श्री गणपति अष्टोत्तरशत नामावली से गणेशजी का पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद नवीन पोशाक धारण करवाकर शृंगार किया गया।

चांदपोल परकोटा गणेश मंदिर में पूज्य गणेश जी का दुग्धाभिषेक किया गया। नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगला झांकी सजाई गई। गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ कर गणेश सहस्त्रनामावली से प्रथम पूज्य को मोदक अर्पित किए गए।

Published on:
21 Nov 2024 01:39 pm
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