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Rajasthan News: हरियाणा में सतीश पूनिया कैसे बने ‘किंगमेकर’, खुद ने बताए जीत के ये 5 बड़े फैक्टर

Haryana Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने इस बार के सभी दावों और एग्जिट पोल को भी गलत साबित किया है।

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Oct 09, 2024

Haryana Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बार कांग्रेस के लिए चौंकाने वाले आए, वहीं भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव के बाद छाई मायूसी को दूर करने वाले रहे। क्योंकि नतीजों से पहले हरियाणा से जुड़े पत्रकार, सभी अखबार, न्यूज चैनल और एग्जिट पोल हरियाणा में कांग्रेस की जीत का दावा कर रहे थे। लेकिन नतीजों ने इस बार के सभी दावों और एग्जिट पोल को भी गलत साबित किया है।

दरअसल, हरियाणा में इस बार किसान, जवान और पहलवान के मुद्दे इतने हावी थे कि दबे स्वर में खुद भाजपा के लोग भी हार मानकर चल रहे थे। लेकिन नतीजे एकदम उलट आए और भारतीय जनता पार्टी हैट्रिक लगाने में कामयाब हुई। इन परिणामों का श्रेय हरियाणा भाजपा प्रभारी सतीश पूनिया को दिया जा रहा है, जिनके कुशल नेतृत्व में ये फतह हासिल की है।

प्रभारी सतीश पूनिया ने पार्टी नेतृत्व और पीएम मोदी के भरोसे को कायम रखा। उन्होंने अपने लंबे सियासी अनुभव का लाभ उठाते हुए राजस्थान के बाद अब हरियाणा में भी पार्टी को चुनावी जीत दिलाई है। मालूम हो कि सतीश पूनिया को भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा का प्रभारी बनाया था। ऐसे में प्रदेश में पार्टी की जीत की जिम्मेदारी उन पर ही थी।

हरियाणा में जीत के रहे ये पांच बड़े फैक्टर

सतीश पूनिया ने बताया कि सबसे पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की संगठन कुशलता और गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति ही काम आई।

लोकसभा चुनाव की कमियों को किया दूर

    सतीश पूनिया ने बताया कि कई लोगों ने लोकसभा चुनाव परिणाम से भारतीय जनता पार्टी को अंडर एस्टीमेट किया था। जबकि हरियाणा में इसकी हकीकत कुछ और थी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 44 सीटों पर लीड मिली थी। इसके साथ ही हमने टीम हरियाणा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव के दौरान जो कमियां रही थीं, उन्हें दुरुस्त किया। इसी वजह से परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में रहे हैं।

    संगठन को धरातल पर मजबूत किया

      हरियाणा में बीजेपी के संगठन को लेकर कहा कि हमने भारतीय जनता पार्टी के संगठन को धरातल पर और ज्यादा मजबूत किया। भारतीय जनता पार्टी का संगठन और उससे भी ज्यादा अच्छा प्रबंधन हरियाणा में बीजेपी की के लिए कारगर रहा। पूरे हरियाणा प्रदेश में एक अच्छा प्रचार अभियान चलाया। चुनाव के तहत जो भी काम महत्वपूर्ण लग रहा था, उन सभी पहलुओं को पूरा कर ठीक किया। इसी वजह से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए।

      पार्टी का चुनाव प्रचार 3 स्तरीयरखा

        सतीश पूनिया ने बताया कि विधानसभा चुनावों के दौरान हमने 3 स्तरीय चुनाव प्रचार किया। इसमें पहली पंक्ति में स्थानीय इलाकों के भाजपा कार्यकर्ताओं को रखा, दूसरी पंक्ति में पार्टी के प्रभारी और तीसरी पंक्ति में दिल्ली और अन्य राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को रखा और सभी ने मिलकर मुद्दों को उठाया। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव में आरक्षण के बनाए गए नैरेटिव को भी तोड़ा।

        मोदी और नायब सैनी की फेस वैल्यू

          पीएम मोदी और हरियाणा के निवर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की फेस वैल्यू की बात करते हुए उन्होंने बताया कि चेहरा भी अपने आप में कारक होता है। आगे कहा कि नायब सैनी की सहजता, उनकी स्वीकार्यता और कुछ ही दिनों में उन्होंने किसानों की फसल से लेकर जो अन्य काम किए, ये सब एक बड़ा फैक्टर रहा, इसी का नतीजा है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी फिर से सत्ता में लौटी है।

          बीजेपी के पासे चेहरा, कांग्रेस में लड़ाई

            सतीश पूनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में नायब सैनी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पार्टी के नेता के तौर पर पेश किया था। उनकी लीडरशिप में हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ रही थी। वहीं, कांग्रेस पार्टी में चेहरे को लेकर लड़ाई चल रही थी। वहां नेता भूपेंद्र हुड्डा होंगे, रणदीप सुरजेवाला होंगे या फिर कुमारी शैलजा होगी यह तय नहीं था। हरियाणा में कांग्रेस पूरी तरह से डिवाइडेड हाउस था, जबकि भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह एकजुट थी। ऐसे में हमारी जीत का एक कारक यह भी थी।

            बीजेपी को 48 तो कांग्रेस को मिली 37 सीट

            गौरतलब है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस 37 सीटों पर जीत मिली है। 5 सीटें अन्य के खाते में गई हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 28 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस+एनसी को 51 सीटें मिली हैं। इनके अलावा पीडीपी को 3 और इंडिपेंडेंट को 9 सीटें मिली हैं।

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