जयपुर

Hyperloop Train: तूफानी रफ्तार… बदलेगा सफर का अंदाज, जयपुर से दिल्ली पहुंचने में लगेंगे सिर्फ 50 मिनट

Indian Railways: अब 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक परीक्षण की तैयारी है। यह सफल रहा तो इस सिस्टम के शुरू होने पर देश में रेल यात्रा का परिदृश्य बदल जाएगा। सिर्फ 50 मिनट में ट्रेन जयपुर से दिल्ली पहुंच जाएगी।

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Dec 07, 2024

जयपुर। भारतीय रेलवे ने आइआइटी मद्रास के साथ मिलकर देश का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक तैयार किया है। इस सिस्टम में ट्रेन चंद पलों में एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाएगी। ट्रैक में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने का परीक्षण किया जा चुका है। अब 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक परीक्षण की तैयारी है। यह सफल रहा तो इस सिस्टम के शुरू होने पर देश में रेल यात्रा का परिदृश्य बदल जाएगा। सिर्फ 50 मिनट में ट्रेन जयपुर से दिल्ली पहुंच जाएगी।

केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसे आइआइटी मद्रास के थाईयूर के डिस्कवरी कैंपस में लगाया गया है। ट्रैक की लंबाई 410 मीटर है। रेलमंत्री ने प्रोजेक्ट से जुड़ी टीमों की तारीफ की। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश इस तकनीक को जल्द साकार कर पाएगा। ट्रैक आइआइटी मद्रास के विद्यार्थियों के स्टार्टअप ‘टुट्र हाइपरलूप’ ने विकसित किया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत की पहली हाइपरलूप ट्रेन मुंबई और पुणे के बीच चलेगी। इससे मुंबई और पुणे का सफर सिर्फ 25 मिनट में पूरा होने के आसार हैं। दोनों शहरों की दूरी करीब 150 किलोमीटर है।

तेज गति परिवहन के लिहाज से देश में बड़ा कदम

हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का मकसद हाई-स्पीड, किफायती, भरोसेमंद और टिकाऊ ट्रांसपोर्टेशन के लिए हाइपरलूप टेक्नोलॉजी का विकास करना है। खास तौर पर तेज गति परिवहन के लिहाज से यह तकनीक देश में बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस सिस्टम की एक खूबी यह भी है कि इसमें ट्रेन दो स्टेशनों के बीच कहीं नहीं रुकती। यानी बिना रुके एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक जाती है।

क्या है हाइपरलूप ट्रेन तकनीक?

हाइपरलूप हाई-स्पीड ट्रेन है, जो ट्यूब के वैक्यूम में चलती है। इससे प्रदूषण नहीं होता है। टेस्ला के मालिक एलन मस्क अमरीका में इसका प्रस्ताव रख चुके हैं। हाइपरलूप ट्रेन की अधिकतम रफ्तार एक हजार किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है। फिलहाल तकनीक की आर्थिक व्यवहार्यता का भी अध्ययन किया जा रहा है।

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