IAS Rajendra Vijay पर एसीबी की कार्रवाई, आय से अधिक संपत्ति का मामला, राजस्थान सरकार को भी एसीबी कार्रवाई की नहीं थी भनक, 7 दिन पहले ही कोटा संभागीय आयुक्त पद पर लगाया था, अब एपीओ किया
सात दिन पहले ही कोटा संभागीय आयुक्त लगाए गए आइएएस राजेन्द्र विजय ने जयपुर स्थित अशोक मार्ग पर पांच करोड़ रुपए में एक आलीशान शोरूम खरीदा था, तभी एसीबी के रडार पर आ गए। एसीबी टीम आइएएस राजेन्द्र विजय की सम्पत्ति की जानकारी जुटाने में लग गई और आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज कर बुधवार सुबह करीब 6 बजे उनके जयपुर, कोटा व दौसा स्थित चार ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की। इसके बाद सरकार ने आइएएस राजेन्द्र विजय को एपीओ कर दिया।
एसीबी के डीजी डा. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि सर्च में आइएएस राजेन्द्र विजय व उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश करने के साक्ष्य भी मिले हैं। एसीबी छह माह से राजेन्द्र विजय की सम्पत्तियों की जानकारी जुटा रही थी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार को भी पता नहीं था कि एसीबी आइएएस राजेन्द्र विजय के पीछे लगी है। सरकार को भनक होती तो उन्हें दस दिन पहले कोटा संभागीय आयुक्त के पद पर नहीं लगाया जाता।
एसीबी के डीजी डा. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि सर्च में आइएएस राजेन्द्र विजय व उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश करने के साक्ष्य भी मिले हैं। राजेन्द्र विजय के पास वैध आय से आनुपातिक रूप से कहीं अधिक सम्पत्ति है। इनमें
- आइएएस राजेन्द्र विजय के जयपुर तारों की कूट स्थित लक्ष्मी नगर आवास पर सर्च में 13 आवासीय व व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज मिले।
- टोंक रोड पर आलीशान मकान व अशोक मार्ग पर स्थित एक नामी ब्रांड का शोरूम, जगतपुरा में निर्माणाधीन व्यावसायिक बिल्डिंग भी शामिल।
- कैश में 2.22 लाख रुपए, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण, तीन चौपहिया वाहन मिले हैं।
- एक बैंक लॉकर (जिसकी तलाशी लेना शेष है) व 16 बैंक खाते होने की जानकारी मिली है।
- दौसा के दुब्बी गांव में स्थित आवास पर कोई नहीं मिला, इस पर मकान को एसीबी टीम ने सील कर दिया।
डीजी मेहरड़ा ने बताया कि डीआइजी कालूराम रावत के सुपरवीजन में अनुसंधान अधिकारी एएसपी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कोटा एसीबी के एएसपी विजय स्वर्णकार, एएसपी मुकुल शर्मा व दौसा एसीबी के उपाधीक्षक नवल किशोर मीणा की टीमों ने सर्च की कार्रवाई की।