जयपुर

बिजली नहीं कटी, कट गई सांसों की डोर: 3 बेटियों के बाद बेटा पैदा होने से परिवार में था खुशी का माहौल, पिता की मौत से अनाथ हुए बच्चे

जयपुर के आमेर नटाटा में तेज रफ्तार ओवरलोड डंपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें ओमप्रकाश सैनी की मौत हो गई। करंट दौड़ने के कारण स्थानीय लोग बचाने में असमर्थ रहे। बिजली सप्लाई काटने में एक घंटे लग गया। हादसे के कारण उनके चार बच्चे अनाथ हो गए।

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Sep 26, 2025
मृतक ओमप्रकाश सैनी और उनके बच्चे (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: आमेर के नटाटा में हुए हादसे में डिस्कॉम के फील्ड इंजीनियरों की लापरवाही भी नजर आई। हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बिजली की डीपी से डंपर टकराने के बाद चिंगारियां निकलने लगी और करंट दौड़ने लगा।


डंपर के नीचे पैर फंसने से ओमप्रकाश चिल्ला रहा था और स्थानीय लोगों ने उसे बचाने के लिए जैसे ही छूआ तो उनके भी करंट का झटका लगा। इसके बाद लोग कुंडा बिजली ग्रिड पर फोन लगाने लगे।

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‘नहीं काटेंगे बिजली’


स्थानीय अमन सैनी ने बताया कि चार-पांच बार तो किसी ने फोन ही नहीं उठाया। बाद में फोन रिसीव किया तो कहा कि बिजली नहीं काटेंगे। कई लोगों ने फोन किया, तब जाकर करीब एक घंटे बाद बिजली काटी। वहीं, हादसे के कारण मृतक ओमप्रकाश सैनी के चार बच्चे अनाथ हो गए।


लोगों ने कहा कि तीन बेटियों के बाद एक बेटा हुआ था। परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन दिवाली से पहले ही यह खुशी मातम में बदल गई। ओमप्रकाश कुंडा में फलसŽजी का ठेला लगाकर परिवार का पेट पालते थे। उनके जाने के बाद अब पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।


ग्रामीणों का विरोध, तेज रफ्तार ले रही जान


गुस्साए लोगों का आरोप था कि पहाड़ी पर अवैध खनन करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। पहले यहां से डंपर नहीं जाते थे, लेकिन बाद में पहाड़ी से पत्थर भरकर डंपर निकलते हैं। डंपर में पत्थर ओवरलोड होते हैं। ये डंपर तेज रफ्तार में दौड़ते हैं और कई बार पत्थर सड़क पर गिर जाते हैं, जिस कारण वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।


रात डेढ़ बजे बनी सहमति


स्थानीय लोगों ने हाइवे पर शंकर का शव रखकर प्रदर्शन किया। सहमति के बाद रात करीब डेढ़ बजे हाइवे से जाम खुला। एसडीओ बजरंग स्वामी ने बताया कि डेयरी बूथ, संविदा पर नौकरी और सरकारी योजनाओं के लाभ के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ। अस्पताल में भर्ती सोहन ने बताया कि वह तीनों लोग आटा च€क्की के पास खड़े थे, तभी तेज रफ्तार डंपर ने उन्हें ट€क्कर मार दी थी। वह किसी तरह बच गया।


बिजली ग्रिड पहुंचकर कूकस फोन करवाया


स्थानीय निवासी इंद्रजीत ने बताया कि करंट के कारण लोग ओमप्रकाश को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। कुंडा बिजली ग्रिड का फोन नहीं लगने पर मैं वहीं पहुंच गया। वहां मौजूद कर्मचारी को हादसे की जानकारी दी और बिजली सप्लाई बंद करने के लिए कहा। तब कर्मचारी ने कहा कि बिजली सप्लाई यहां से नहीं कूकस से बंद होगी।


कर्मचारी को हादसे की गंभीरता बताते हुए कूकस ग्रिड पर फोन करने के लिए कहा। तब कर्मचारी ने वहां फोन किया। हादसे के एक घंटे बाद बिजली सप्लाई बंद हुई।

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Published on:
26 Sept 2025 10:21 am
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