Jaipur Bus Fire: आग का गोला बनी बस से जिंदा बचकर निकले नूर मोहम्मद ने बताया कि बस में जिसने पैरों में चप्पलें पहन रखीं थीं वो हादसे का शिकार नहीं हुआ। 'मैंने भी किस्मत से चप्पलें पहन रखी थीं, इसलिए बच गया।'
जयपुर। राजस्थान में एक के बाद एक नए-नए बस हादसे सामने आ रहे हैं। जयपुर के मनोहरपुर में हुए बस हादसे में जिंदा बचे युवक ने आंखों देखी हाल बताई है। नूर मोहम्मद ने बताया कि वह बेटे और पत्नी के साथ बस में बैठा था। अचानक एक आवाज आई और बस में करंट दौड़ गया। इसी के साथ बच्चों-महिलाओं के चीखने की आवाजों से इलाका गूंज गया। समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है।
नूर मोहम्मद ने बताया कि इतनी देर में बचाओ-बचाओ… खिड़कियां तोड़ो… और मेरी मदद करो… जैसी आवाजों से दिल दहल गया। बस में जिसने पैरों में चप्पलें पहन रखीं थीं वो हादसे का शिकार नहीं हुआ। मैंने भी किस्मत से चप्पलें पहन रखी थीं, इसलिए बच गया। अफरा तफरी के माहौल के बीच बस से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। मैंने मुक्के मारकर खिड़की तोड़ी और फिर बाहर निकला।
इसी दौरान सिलेंडर फटने का धमाका हुआ। सभी लोग और ज्यादा घबरा गए। इस हादसे में मैं तो बच गया लेकिन पत्नी सितारा और बेटे अलताफ की चिंता हो रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही से इस दर्दनाक घड़ी का सामना कर रहे हैं। हादसे में मेरा मोबाइल समेत कीमती दस्तावेज और अन्य सामान जलकर खाक हो गया।
एमएमएस हॉस्पिटल में भर्ती घायल चंदा के भाई कय्यूम ने बताया कि बस में अधिकतर लोग मजदूर परिवारों के थे। जो आर्थिक रुप से काफी कमजोर थे। अपनी गृहस्थी का सामना लेकर यूपी से जयपुर ईंट के भट्टे आ रहे थे। उन्होंने बताया कि अधिकतर लोगों की आपस में रिश्तेदारियां भी हैं। एक अन्य परिजन मोहम्मद इकराम ने बताया कि हादसे की सूचना पाकर यूपी से काफी परिजन जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
दरअसल, जैसलमेर हादसे के दो सप्ताह बाद एक बार फिर प्रदेश की सड़कों पर बस के नाम पर दौड़ रही चलती-फिरती मौत ने दो जिंदगियों को लील लिया। जयपुर के पास टोडी ग्राम में एक ईंट भट्टे पर मजदूरों को छोड़ने जा रही स्लीपर बस बिजली लाइन के तारों से छू गई, जिससे बस में करंट दौड़ा और आग लग गई। सवारियों में चीख पुकार मच गई। इस हादसे में पिता-पुत्री की मौत हो गई और छह अन्य झुलस गए। जिन्हें उपचार के लिए एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। आग लगने से बस में रखे तीन सिलेंडर भी फट गए।