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Jaipur Dumper Havoc : जयपुर में डंपर का कहर, 14 की मौत, इस दर्दनाक हादसे के बाद मन में उठ रहे सवालों के ये हैं जवाब, जानिए

Jaipur Dumper Havoc : जयपुर में डंपर का कहर। डंपर से दब कर 14 व्यक्तियों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे के बाद जयपुर की जनता के मन में उठ रहे हैं कई गंभीर सवाल। तो जानिए इनके जवाब। और फैसला कीजिए कौन है जिम्मेदार।

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जयपुर में डंपर, परिजन की मौत के बाद रोता हुआ युवक। फोटो पत्रिका

Jaipur Dumper Havoc : जयपुर शहर में सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे ने सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल दी है। हादसे में एक बच्चे और गर्भवती महिला सहित कई लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनभर से अधिक घायल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डंपर करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डेढ़ किलोमीटर तक रॉन्ग साइड दौड़ता रहा और किसी ने उसे रोका नहीं। मौके पर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी नहीं था, जबकि सीसीटीवी से लाइव मॉनिटरिंग भी निष्क्रिय साबित हुई।

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सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू

Q- क्या प्रशासन ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता या काउंसलिंग की व्यवस्था की?
जवाब - नहीं, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई।
Q- क्या प्रशासन ने सड़क पर हादसे के दृश्य को देखते हुए संवेदनशीलता बरती?
जवाब - प्रशासन ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई, जबकि घटनास्थल पर स्थिति बेहद दर्दनाक थी।

कानूनी और जवाबदेही पर सवाल

Q- डंपर जिस फर्म के नाम रजिस्टर्ड है, क्या उस पर भी कार्रवाई होगी?
जवाब - बड़ी घटनाओं में वाहन स्वामी पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। हाल ही, स्कूल बस से हुई एक बच्ची की मौत के मामले में स्कूल प्रबंधन पर भी मामला दर्ज किया गया था।
Q- आरसी में दर्ज मोबाइल नंबर किसी छात्र का कैसे निकला?
जवाब - मोबाइल नंबर अज्ञात बताया जा रहा है, जिसका वाहन स्वामी से कोई संबंध नहीं है। पंजीयन के दौरान एजेंट अपनी ओर से नंबर दर्ज कर देते हैं।
Q- क्या परिवहन विभाग ने वाहन की फिटनेस जांच की थी?
जवाब - विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार वाहन फिटनेस में पास था। यदि दस्तावेज में कमी या अनियमितता पाई जाती है, तो विभाग की जवाबदेही तय होगी।

पीड़ितों की पहचान और मुआवजे पर सवाल

Q- बच्चे और गर्भवती महिला के लिए मुआवजा नीति में विशेष प्रावधान है?
जवाब - नहीं, समान नीति के तहत मृतकों को मुआवजा दिया जाता है।
Q- क्या घायलों को ग्रीन कॉरिडोर सुविधा मिली?
जवाब - एबुलेंस से अस्पताल भेजा गया, ग्रीन कॉरिडोर नहीं बनाया गया।
Q-क्या सरकार दीर्घकालिक सहायता देगी?
जवाब - सामान्यत: केवल मुआवजा राशि जारी की जाती है। परिजन की मांग या विशेष परिस्थितियों में दीर्घकालिक सहायता दी जा सकती है।

सड़क सुरक्षा और नियमन पर सवाल

Q- 80 किमी की रफ्तार से दौड़ता डंपर शहर की सड़कों पर कैसे पहुंचा? क्या शहर में भारी वाहनों की गति सीमा लागू नहीं है?
जवाब - शहर में भारी वाहनों की गति सीमा 30 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक डंपर 80 से अधिक की रफ्तार से दौड़ रहा था। यातायात पुलिस यह सब देखती रही।
Q- क्या डंपर में स्पीड गवर्नर लगा था?
जवाब - परिवहन अधिकारियों के अनुसार डंपर कंपनी से इनबिल्ट था और उसमें स्पीड गवर्नर लगा हुआ था।
Q- क्या चालक नशे में था?
जवाब - चालक के ब्लड सैंपल मेडिकल जांच में नशे की पुष्टि हो गई।

प्रशासनिक और ट्रैफिक प्रबंधन पर सवाल

Q- डंपर डेढ़ किलोमीटर तक रॉन्ग साइड दौड़ता रहा, कोई पुलिस या ट्रैफिक कंट्रोल क्यों नहीं हुआ?
जवाब - मौके पर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात नहीं था। सीसीटीवी मॉनिटरिंग में भी लापरवाही बरती गई। अगर समय रहते डंपर को रोका जाता तो हादसा टल सकता था।
Q- हाईवे कट पर जाम लगने के बाद क्या वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था थी?
जवाब - कोई वैकल्पिक मार्ग तय नहीं था। पुलिस मौके पर लोगों को हटाकर यातायात सुचारू करने का प्रयास कर रही थी।
Q - क्या औद्योगिक क्षेत्र में भारी वाहनों के लिए अलग समय या मार्ग निर्धारित है?
जवाब - शहर से बाहरी हिस्से में होने के कारण लोहामंडी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में भारी वाहनों के लिए अलग से समय या मार्ग निर्धारित नहीं है।

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Updated on:
04 Nov 2025 08:11 am
Published on:
04 Nov 2025 07:50 am
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