Jaipur Gas Cylinder Blast: सावरदा पुलिया के पास केमिकल टैंकर और एलपीजी ट्रक की टक्कर से भीषण आग लगने से रातभर दमकलें पानी डालती रहीं। सुबह टैंकर से रिसाव ने दहशत बढ़ा दी। दूर-दूर तक कालिख, जले सिलेंडर के टुकड़े और भय का माहौल फैल गया था।
Jaipur Gas Cylinder Blast: जयपुर: अजमेर रोड पर सावरदा पुलिया के पास खड़े एलपीजी गैस सिलेंडर से भरे ट्रक में केमिकल से भरे टैंकर के घुसने के बाद हुए अग्निकांड के निशान बुधवार सुबह भयावहता दर्शा रहे थे। टैंकर में बेंजीन भरा होने की आशंका पर रातभर दमकलों से उस पर पानी डाला गया। सुबह टैंकर से केमिकल का रिसाव देख दहशत फैल गई।
पुलिस ने लोगों को दूर किया। ढाबों को बंद करवा दिया गया। टैंकर पर लिखा होने पर एफएसएल ने भी उसमें बेंजीन की आशंका जताई। बाद में पता चला कि टैंकर में बेंजीन नहीं, बल्कि लाइट लिक्विड पैराफिन (एलएलपी) है। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। एलएलपी का सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा में उपयोग होता है।
वहीं, हादसे के बाद मंगलवार रात 10.30 बजे अजमेर-जयपुर हाइवे बंद कर दिया गया था। इससे दोनों तरफ 10 से 15 किलोमीटर तक जाम लग गया। देर रात 3 बजे जयपुर से अजमेर जाने वाला मार्ग शुरू किया गया। वहीं, बिखरे पड़े सिलेंडर के टुकड़ों को विश्वकर्मा रवाना करने के बाद अजमेर से जयपुर की तरफ वाला हाइवे सुबह पांच बजे शुरू किया गया।
उपाधीक्षक दीपक खण्डेलवाल ने बताया कि टैंकर में जिंदा जले चालक की शिनाख्त टोंक निवासी रामराज मीणा के रूप में हुई है। टैंकर मालिक और मृतक चालक रामराज के खिलाफ सिलेंडर से भरे ट्रक के चालक प्रेमशंकर मीणा ने लापरवाही का मामला दर्ज करवाया है। रिपोर्ट में बताया कि नसीराबाद प्लांट से एलपीजी गैस सिलेंडर भरकर जयपुर जा रहा था।
टोंक के देवली स्थित राजकोट निवासी टैंकर चालक रामराज मीणा के जिंदा जल जाने की सूचना पर घर में कोहराम मच गया। मां रामकन्या, पत्नी चेना देवी, पुत्र पवन और हरिराम को परिचित व रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे थे। रामराज गांव में पत्नी और बच्चों के साथ अलग रहता था। फिलहाल, पिता रामकिशन की मौत हो चुकी है।
करीब 10 साल से वह भारी वाहन चला रहा था। लोगों ने बताया कि रामराज 20 दिन पहले टैंकर लेकर निकला था। तब पत्नी और बच्चों से कहा था कि दीपावली पर घर आएगा। वहीं, एक अन्य ट्रेलर का खलासी हादसे में घायल हो गया।
टैंकर में एलएलपी केमिकल विदेश से मु्बई पोर्ट पर आया था, जहां से रामराज टैंकर में भरकर हिमाचल के सोलन स्थित बद्दी फैक्ट्री में ले जा रहा था। हादसे के समय टैंकर में 29 हजार लीटर केमिकल भरा था। पानीपत से केमिकल सप्लाई करने वाली फर्म के प्रतिनिधि पृथ्वीराज घटना स्थल पर पहुंचे। लीकेज होने पर हरियाणा से दूसरा टैंकर मंगवाया, जिसके रात तक पहुंचने पर उसमें केमिकल शिफ्ट किया गया।
-क्या टैंकर चालक को झपकी आ गई थी।
-क्या चालक टैंकर को ढाबे की तरफ ले रहा था और खड़े ट्रक में घुस गया।
-टैंकर के ब्रेक फेल हुए या कोई अन्य गड़बड़ी हुई।
-क्या आरटीओ दस्ते से बचने के लिए टैंकर अनियंत्रित हुआ।
होटल संचालक कालूराम गुर्जर ने बताया कि रात को एक दर्जन से अधिक लोग ढाबे पर खाना खा रहे थे। इसी बीच तेज धमाका हुआ और लोग ढाबे के पिछले गेट की तरफ भागे। होटल के ग्राउंड में दो ट्रक खड़े थे, जिनमें गैस सिलेंडर भरे थे। उनमें से एक ट्रक का चालक प्रेमशंकर खाना खा रहा था। तभी रफ्तार से आ रहा केमिकल से भरा एक टैंकर ग्राउंड में खड़े ट्रेलर से टकराया।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ ही पलों में दोनों वाहनों में आग लग गई। आग फैलते ही अफरा-तफरी मच गई। सिलेंडर से भरे ट्रकों के चालक बाहर भागे। एक चालक ने फुर्ती दिखाई ट्रक को स्टार्ट किया और उसे तेजी से आग की लपटों से दूर ले गया, जिससे बड़ी अनहोनी टल गई। लेकिन खाना खा रहे दूसरे ट्रक चालक को इतना मौका भी नहीं मिल पाया।
राजेश कुमार ने बताया कि मैं धर्म कांटे पर काम कर रहा था। तभी ट्रकों की भिड़ंत की आवाज आई तो तुरंत होटल ग्राउंड की तरफ भागा। ग्राउंड में केमिकल टैंकर और एक ट्रेलर में आग लगी हुई थी। लपटें तेजी से गैस सिलेंडर से भरे ट्रक में फैल गई। फिर तेज धमाके शुरू हो गए। सिलेंडर के टुकड़े दूर-दूर जाकर गिर रहे थे। हर धमाके के साथ जमीन हिल रही थी और धुएं का गुबार आसमान छू रहा था। हर कोई घटनास्थल से दूर जाने की आवाजें लगा रहा था।
दुर्घटना की जांच के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने समिति गठित की है। समिति में अध्यक्ष अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, शहर-दक्षिण, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया है। उपखंड अधिकारी मौजमाबाद, पुलिस उप अधीक्षक दूदू, एनएचएआई परियोजना निदेशक, डिप्टी कन्ट्रोलर नागरिक सुरक्षा को कमेटी में शामिल किया है। कमेटी 5 दिनों में रिपोर्ट देगी।