Jaipur Head Constable Suicide : भांकरोटा की मुकुन्दपुरा चौकी में बीते गुरुवार हेड कांस्टेबल ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी।
जयपुर. भांकरोटा की मुकुन्दपुरा चौकी में गुरुवार को सुसाइड नोट लिखकर हेड कांस्टेबल बाबूलाल की ओर से आत्महत्या के मामले में परिजन और पुलिस के बीच सहमति नहीं बन पाई। इस कारण तीसरे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। एक करोड़ की आर्थिक सहायता, परिजन को अनुकंपा नौकरी के अलावा एक अन्य सदस्य को संविदा पर नौकरी और डेयरी बूथ की मांग की गई। उधर, परिजन और अन्य एसएमएस मुर्दाघर के बाहर ही टेंट लगाकर धरने पर बैठे हैं।
शनिवार को अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी के पूर्व महासचिव रिटायर्ड एडिशनल एसपी अनिल गोठवाल ने सहमति के लिए प्रयास किया, लेकिन तत्काल गिरफ्तारी की बात को लेकर मामला अटक गया। प्रशासन का कहना है कि जांच में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
शनिवार को मुर्दाघर के बाहर धरने पर बैठे मृतक के परिजन व सामाजिक संगठनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए पैदल मार्च निकाला। शनिवार को एक बार फिर प्रतिनिधिमंडल की पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ से वार्ता हुई थी, लेकिन सहमति नही बन पाई। आक्रोशित लोगों ने मृतक के बेटे की तरफ से भांकरोटा थाने में एडिशनल डीसीपी जगदीश व्यास, एसीपी अनिल शर्मा, सब इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह व पत्रकार कमल देगड़ा के खिलाफ केस में कार्रवाई करने की मांग की है। धरने पर एनएसयूआइ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़, रवि मेघवाल, गीगराज जोड़ली, अनिल तिरदिया व जितेन्द्र हटवाल सहित कई प्रतिनिधि मौजूद रहे।
कांग्रेस, माकपा के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपी पुलिस अधिकारियों और कार्मिकों को सस्पेंड करने के साथ ही कार्रवाई की मांग की है। बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि बैरवा ने सुसाइड नोट में अपने ऊपर जातीय ज्यादती और प्रताड़ित करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हैं। इसके बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है?